लैंडिंग के लिए सिर्फ 670 मी. और एक बार में 11 घंटे की उड़ान... रक्षा मंत्री ने जिस C-295 को वायुसेना में किया शामिल, वो है बेमिसाल

एयरफोर्स के आधुनिकीकरण के उद्देश्य से सरकार ने एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी के साथ दो साल पहले 21,935 करोड़ रुपये में 56 C-295 परिवहन विमानों को खरीदने का सौदा किया था।

पहली C-295 वायुसेना में शामिल

भारतीय वायुसेना में आज सी-295 (C-295) विमान आधिकारिक रूप से शामिल हो गया। इस विमान के वायुसेना में आने के बाद से उसकी ताकत और बढ़ गई है। यह विमान वायुसेना के पुराने पड़ चुके एवरो-748 को रिप्लेश करेगा। C-25 आज की तारीख का आधुनिक ट्रांसपोर्ट विमान है, जिसकी मदद से वायुसेना बहुत ही कम समय में सेना को सीमा पर पहुंचा सकती है।

एयरफोर्स को मिलेंगे 56 C-295

एयरफोर्स के आधुनिकीकरण के उद्देश्य से सरकार ने एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी के साथ दो साल पहले 21,935 करोड़ रुपये में 56 C-295 परिवहन विमानों को खरीदने का सौदा किया था। दोनों कंपनियों के बीच एक औद्योगिक साझेदारी के तहत एयरबस सेविले स्थित अपने उत्पादन संयंत्र से उड़ान के लिये तैयार स्थिति में पहले 16 C-295 विमानों की 2025 तक आपूर्ति करेगा। इसके बाद शेष 40 विमानों का निर्माण और संयोजन भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा वडोदरा में किया जाएगा।
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