अब नहीं उड़ेंगे MIG-21! लगातार हादसों के बाद India Airforce का बड़ा फैसला, पूरे बेड़े की उड़ान पर रोक

राजस्थान में एक मिग-21 जेट के दुर्घटनाग्रस्त होने के दो सप्ताह बाद, भारतीय वायु सेना ने सोवियत मूल के विमानों के पुराने बेड़े की उड़ान पर रोक लगाने का फैसला किया है। मिग-21 के भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद से यह 400 से अधिक दुर्घटनाओं में शामिल रहा है।

लगातार हो रहे क्रैश को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने मिग-21 की उड़ानों पर रोक लगाने का फैसला किया है। भारतीय वायुसेना ने मिग-21 के पूरे बेड़े की उड़ान पर प्रतिबंध लगा दिया है।
क्यों लगी रोक
भारतीय वायु सेना (IAF) ने मिग -21 लड़ाकू विमानों के पूरे बेड़े को तब तक के लिए रोक दिया है जब तक कि क्रैश की जांच नहीं हो जाती है। साथ ही इस महीने की शुरुआत में राजस्थान में दुर्घटना के कारणों की जांच भी अभी पेंडिग है। वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने एएनआई को बताया- "जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चल जाता, तब तक मिग-21 के बेड़े को रोक दिया गया है।"
लगातार होता रहा है क्रैश
राजस्थान में एक मिग-21 जेट के दुर्घटनाग्रस्त होने के दो सप्ताह बाद, भारतीय वायु सेना ने सोवियत मूल के विमानों के पुराने बेड़े की उड़ान पर रोक लगाने का फैसला किया है। मिग-21 के भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद से यह 400 से अधिक दुर्घटनाओं में शामिल रहा है। मिग-21 की दुर्घटना दर हाल के दिनों में चिंता का कारण रही है। इन दुर्घटनाओं में कई पायलट मारे गए हैं।
1960 के दशक में हुआ था शामिल
लंबे समय तक मिग-21 भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार हुआ करता था। 1960 के दशक की शुरुआत में शामिल किए जाने के बाद, भारतीय वायु सेना ने अपने समग्र युद्धक कौशल को बढ़ाने के लिए 700 से अधिक मिग-21 लड़ाकू विमानों की खरीद की थी। वर्तमान में, IAF के पास लगभग 50 विमानों के साथ तीन मिग -21 स्क्वाड्रन हैं। जिसे चरणबद्ध तरीके से हटा जा रहा था।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited