LAC पर पांच दिन तक गूजेंगी भारतीय लड़ाकू विमानों की गूंज, 'पूर्वी आकाश' से उड़ेंगे चीन के होश
तवांग संघर्ष के बाद एलएसी पर भारतीय वायुसेना की दूसरी बड़ी एक्सरसाइज होने जा रही है जो 1 फरवरी से शुरू होगी। इस अभ्यास को 'पूर्वी आकाश' नाम दिया गया है जिसमें भारत के तमाम लड़ाकू विमान अपना दमखम दिखाएंगे।
एलएसी पर जल्द होगा भारतीय वायुसेना का अभ्यास (प्रतीकात्मक तस्वीर)
भारतीय वायु सेना (Indian Airforce) एलएसी (LAC) के पास एक बार फिर एक बड़ी एक्सरसाइज करने वाली है। 1 फरवरी से 5 फरवरी के बीच होने वाली इस एक्सरसाइज को नाम दिया गया है पूर्वी आकाश। 30 जनवरी से 5 फरवरी के बीच होने वाली इस एक्सरसाइज को नाम दिया गया है पूर्वी आकाश। इस एक्सरसाइज में वायु सेना लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के नजदीक अपनी कॉम्बैट कैपेबिलिटीज का प्रदर्शन करेगी जिसमें इंडियन एयर फोर्स के फाइटर जेट्स सुखोई, MIG-21, राफेल (RAFALE), तेजस, एलसीएच, अपाचे और चिनूक के अलावा भारतीय वायुसेना के तमाम दूसरे एयरक्राफ्ट और एसेट्स शामिल होंगे।
दिसंबर में भी हुई थी यह एक्सरसाइज
अहम बात यह है कि भारतीय वायुसेना ने डेढ महीने पहले भी पूर्वी मोर्चे पर ऐसी ही एक बड़ी एक्सरसाइज की थी। 15 और 16 दिसंबर को हुई एक्सरसाइज पूर्वोत्तर में भारतीय वायुसेना के सभी एयरफोर्स स्टेशन और एयर फोर्स बेस को सक्रिय कर दिया गया था इनमें आसाम के तेजपुर, मिसामारी, छाबुआ और पश्चिम बंगाल का हाशिमारा एयरवेज भी शामिल था। अब 1 फरवरी से शुरू होने वाली पूर्वी आकाश एक्सरसाइज को 9 दिसंबर में हुए तवांग संघर्ष के बाद पूर्वोत्तर में भारत की दूसरी बड़ी एयर एक्सरसाइज होगी।
फाइटर जेट्स के साथ वायु सेना दिखाएगी युद्ध कौशल इस एक्सरसाइज को भारत के शक्ति प्रदर्शन और चीन को चेतावनी के तौर पर भी देखा जा रहा है। भारतीय वायु सेना की इस अहम ड्रिल को देखते हुए पूरे पूर्वोत्तर में 7 दिनों का नोटिस टू एयरमैन जारी कर दिया गया है जो 30 जनवरी से शुरू होकर 5 फरवरी तक जारी रहेगा, यानि इस अवधि में भारतीय वायुसेना अपने फाइटर जेट्स को एक्टिवेट करेगी। चीन लगभग 3,488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर बार-बार भारत में घुसपैठ की कोशिश करता आया है जिसे भारतीय सेना और वायुसेना असफल करते रहे हैं ।
कई बार एलएसी के नजदीक आ चुके हैं चीन के फाइटर जेट्स पिछले साल पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के करीब चीन की वायु सेना के फाइटर जेट्स कई बार उड़ान भरते नजर आए जिसके बाद इंडियन एयर फोर्स ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अपने फाइटर्स को स्क्रैंबल किया। चीन के इस पैंतरे का जवाब देने के लिए भारतीय वायु सेना भी पूरी तरह से तैयार है इसीलिए ईस्टर्न सेक्टर में अपने सभी एयरबेसेस पर अपने डेप्लॉयमेंट्स को मजबूत कर रही है। भारतीय वायुसेना के इस युद्धाभ्यास में तमाम तरह की सिचुएशनल ड्रिल्स की जाएंगी। इस अभ्यास में आसमान से जमीन पर और आसमान से आसमान में दुश्मन को ढेर करने का कौशल तराशा जाएगा। अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के साथ-साथ एक्सरसाइज पूर्वी आकाश चीन को भी सख्त संदेश देगी।
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