LAC के पास सेंट्रल सेक्टर में इंडियन आर्मी और एयरफोर्स ने की Joint Exercise, देखें ये Video
भारतीय सेना ने सेंट्रल सेक्टर में अपने अनमैंड एरियल व्हीकल यानि हैरौन ड्रोन्स को उड़ाया। भारतीय सेना के एविएशन विंग के अलावा के साथ भारतीय वायु सेना ने भी अपने लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर्स को पूरी क्षमता के साथ तमाम हथियारों के इंटीग्रेशन को परखने के लिए इस्तेमाल किया।
भारतीय वायुसेना और सेना ने सेंट्रल सेक्टर यानि उत्तराखंड में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास संयुक्त अभ्यास में अपनी अपनी ताकत दिखाई। यह एक्सरसाइज इसलिए खास है क्योंकि यहां पर सेना और भारतीय वायु सेना ने आपस में मिलकर अपनी युद्ध क्षमताएं साझा कीं। इंडियन एयर फोर्स और इंडियन आर्मी ने अपने अपने मल्टीपल कॉम्बैट ऐसेट का इस्तेमाल करते हुए युद्धाभ्यास किया।
इसमें भारतीय वायु सेना के रफाल, Su-30, तेजस समेत सभी लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर को युद्ध शैली में इस्तेमाल किया। भारतीय वायुसेना ने अपने हेलीकॉप्टर्स को भारतीय सेना की इनसर्शन एक्सरसाइज के लिए इस्तेमाल किया, वहीं पैरा ड्रॉपिंग के जरिए भी कैसे युद्ध क्षेत्र में भारत की सेना जल्द से जल्द पहुंच सकती है इसका भी डेमोंसट्रेशन किया गया।
इस खास तरह की एक्सरसाइज में एक असली युद्ध क्षेत्र की तरह ही सिचुएशन को तैयार किया गया था और हर एक परिस्थिति में भारतीय वायु सेना और सेना कैसे मिलकर दुश्मन का सामना करेंगे इसका डेमोंसट्रेशन किया गया। इसके लिए अपने रडार सिस्टम कोर भी एक्टिव किया गया और परखा गया कि अगर दुश्मन हमारे एयर स्पेस में घुसता है तो कैसे भारतीय वायु सेना और सेना मिलकर उसका सामना करेंगे। पिछले कुछ सालों में भारतीय सेना ने तकनीक के इस्तेमाल पर फोकस किया है ताकि जमीन पर अपने योद्धाओं की शक्ति के साथ साथ दुश्मन के बारे में हर खबर जल्द से जल्द मिल सके।
हाल ही में भारतीय सेना की नॉर्दर्न कमांड में भी इस तरह की एक बड़ी एक्सरसाइज हुई है और अरुणाचल प्रदेश में भी लगातार भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना एक्सरसाइज कर रही हैं। गलवान संघर्ष के 3 साल पूरे होने पर भारतीय सेना समुद्र से लेकर आकाश तक अपनी पूरी तैयारी और दमखम के साथ अपनी कॉम्बैट कैपेबिलिटीज को दिखा रही है। इसी हफ्ते भारतीय वायुसेना के सुखोई इंडियन ओशन रीजन में लगातार 8 घंटे तक उड़ान भरकर अपना युद्ध कौशल दिखा चुके हैं और उससे पहले 4 रफाल एयरक्राफ्ट ने इंडियन ओशन रीजन में लगातार 6 घंटे तक एक कंपलेक्स कॉम्बैट ड्रिल्स को अंजाम दिया था।
इन तमाम एक्सरसाइज से साफ पता चल रहा है कि भारत लगातार संवाद के जरिए चीन के साथ एलएसी विवाद को सुलझाना चाहता है, लेकिन चीन की आक्रामक तैयारी को देखते हुए भारतीय सेना वायु सेना और नौसेना भी चीन की किसी भी चालबाजी का जवाब देने के लिए बिल्कुल तैयार हैं।
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