Cheetah Helicopter Crashed: अरुणाचल प्रदेश में सेना का चीता चॉपर क्रैश, दोनों पायलट शहीद
Cheetah Helicopter Crashed: भारतीय सेना की एवियेशन में चीता हेलीकॉप्टर लगभग छह दशक पुराने हो चुके हैं और 2017 के बाद से सिर्फ मिलिट्री के लिए ही 30 से ज्यादा पायलट चीता और चेतक हेलीकॉप्टर्स की दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं।
चीता हेलीकॉप्टर अरुणाचल के मंडला पहाड़ी में हादसे का शिकार (file photo- Indian Army)
heetah Helicopter Crashed: भारतीय सेना के एविएशन का एक चीता हेलीकॉप्टर गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश के बोम्डिला के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें सवार एविएशन के दो पायलट जिनमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल पद के अधिकारी हैं और मेजर पद के को-पायलट इस क्रैश में शहीद हो गए हैं। सेना के मुताबिक, यह हेलीकॉप्टर अपने रूटीन ऑपरेशन पर सेन्गे से निकला था और असम के मिसामारी जा रहा था।
सुबह 9:15 बजे इसका संपर्क एटीसी से टूटा
बोम्डिला के मंडाला के आसपास सुबह 9:15 बजे इसका संपर्क एटीसी से टूट गया। घटना की सूचना के बाद भारतीय सेना अरुणाचल प्रदेश की पुलिस और दूसरी सुरक्षा एजेंसियां इस हेलीकॉप्टर की तलाश में इस पूरे इलाके में जुटी हुई है। भारतीय सेना की एवियेशन में चीता हेलीकॉप्टर लगभग छह दशक पुराने हो चुके हैं और 2017 के बाद से सिर्फ मिलिट्री के लिए ही 30 से ज्यादा पायलट चीता और चेतक हेलीकॉप्टर्स की दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं।
8 मार्च को भारतीय नौसेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था
बता दें कि 8 मार्च को भारतीय नौसेना के एक एएलएच हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद से भारतीय सेना वायु सेना और नौसेना ने अपने सभी ध्रुव हेलीकॉप्टर्स को ग्राउंड कर रखा है यानि इनकी उड़ान भरने पर तब तक रोक लगा दी गई है जब तक 8 मार्च को हुई दुर्घटना की वजह का पता न चल जाए। एलएच को बनाने वाली कंपनी HAL इस दुर्घटना के बारे में पता लगा कर सेना के सभी तीनों अंगों के ध्रुव हेलीकॉप्टर को जांच रही है, ऐसे में सभी ऑपरेशंस के लिए भारतीय सेना नौसेना और वायुसेना को विकल्पों पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
चीता हेलीकॉप्टर भारत में 6 दशक से ज्यादा पुराने
भारतीय सेना के कामकाज के लिए एएलएच का विकल्प चीता और चेतक हेलीकॉप्टर है। अरुणाचल प्रदेश में आज हुए हादसे में भी चीता हेलीकॉप्टर ही इस्तेमाल किया जा रहा था। चीता हेलीकॉप्टर भारत में 6 दशक से ज्यादा पुराने हो चुके हैं और पिछले 5 सालों में इनकी दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ी है। ऐसे में पिछले साल अक्टूबर महीने में भारतीय सेना के एविएशन विंग के पायलटों के परिवारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर चीता और चेतक हेलीकॉप्टर्स को सेवा मुक्त करने की मांग की थी। पत्र लिखने वालों में 140 महिलाएं भी थीं जिनमें से कुछ अपने पति को ऐसे हादसों में खो चुकी हैं।
अरुणाचल में हेलीकॉप्टर उड़ाने में काफी दिक्कतें
अरुणाचल प्रदेश के टरेन की बात की जाए तो यह बेहद मुश्किल इलाका है जहां अक्सर मौसम खराब रहता है। ऊंचे पहाड़ों और घने जंगलों के कारण पायलट्स को हेलीकॉप्टर उड़ाने में काफी दिक्कत है होती है। पिछले साल अक्टूबर में अरुणाचल प्रदेश के विरांग इलाके में ही एक एएलएच हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें दो पायलटों की जान चली गई थी। आज हुए हादसे के बाद एक बार फिर पुराने चीता और चेतक हेलीकॉप्टर को सेवा मुक्त करने की मांग उठ रही है, ताकि आए दिन इस तरह के हादसों में पायलट को अपनी जान गंवानी पड़े। ध्रुव हेलीकॉप्टर्स की जांच में भी थोड़ा वक्त लग सकता है। ऐसे में अपने एयर ऑपरेशंस को प्रभावित हुए बिना चलाने में भारतीय सेना सभी तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है।
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