जम्मू-कश्मीर के घने जंगल में सेना का घेरा, सुरंगों की तलाश हुई तेज; आतंकियों को मुंहतोड़ जबाव दे रहे जवान

जम्मू में बढ़ती आतंकी गतिविधियों और सीमा पार से घुसपैठ पर चिंता के बीच 20 जुलाई को सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक हुई थी। जिसके बाद से सुरक्षा बलों ने संभावित सुरंगों की तलाश के प्रयास तेज कर दिए हैं, जिनका इस्तेमाल सीमा पार से आतंकवादी भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने के लिए कर सकते हैं।

आतंकी हमलों में वृद्धि के बीच सीमा पार सुरंगों की तलाश हुई तेज

Jammu-Kashmir: जम्मू संभाग में सुरक्षा बलों ने संभावित सुरंगों की तलाश के प्रयास तेज कर दिए हैं, जिनका इस्तेमाल सीमा पार से आतंकवादी भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने के लिए कर सकते हैं। हालांकि जंगली इलाकों में सुरंगों का कोई सबूत अभी तक नहीं मिला है, लेकिन सुरक्षा बलों ने अपने अभियानों के तहत पहाड़ों में गुज्जर चरवाहों को शामिल किया है। उन्होंने ऐतिहासिक रूप से गुप्त सूचनाओं के साथ बलों की मदद की है। सेना विशेष रूप से डोडा, राजौरी, कठुआ और पुंछ जिलों के जंगलों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सुरक्षा बल घुसपैठ के बिंदुओं की पहचान करने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।

सीआरपीएफ और बीएसएफ मिल कर रही काम

केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद विरोधी अभियानों से अवगत एक अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह डिवीजन जहां उच्च प्रशिक्षित आतंकवादी छिपे हो सकते हैं या हथियार जमा कर रहे होंगे। अधिकारी ने कहा कि बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि क्या घुसपैठिये भारतीय सीमा में प्रवेश करने के लिए जम्मू में सुरंग का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और बीएसएफ घुसपैठ के बिंदुओं की पहचान करने के लिए काम कर रहे हैं। इस पर भी चर्चा हुई कि क्या सक्रिय विदेशी आतंकवादियों की संख्या कम हो रही है क्योंकि उनमें से कई संयुक्त बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए हैं।
जम्मू में बढ़ती आतंकी गतिविधियों और सीमा पार से घुसपैठ पर चिंता के बीच 20 जुलाई को सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक हुई। बैठक में बीएसएफ, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक, खुफिया एजेंसियों के प्रमुख और अन्य सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए। मामले से परिचित लोगों ने कहा कि पंजाब में बीएसएफ कर्मियों को राज्य में किसी भी संभावित घुसपैठ के बिंदुओं की जांच करने का काम सौंपा गया है, जो पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है। अधिकारी ने कहा कि 12 जुलाई की बैठक के दौरान, पंजाब सेक्टरों में भारत-पाकिस्तान सीमा पर विदेशी आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली संभावित सुरंगों पर भी चर्चा की गई थी।
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