भारतीय सेना को मिली है ऐसा खतरनाक बस, देती है 250-300 का माइलेज; जानिए और खूबियां
Indian Army Hydrogen Bus: हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक इलेक्ट्रो-रासायनिक प्रक्रिया के माध्यम से हाइड्रोजन गैस को बिजली में परिवर्तित करती है। यह एक स्वच्छ और कुशल ईंधन का विकल्प प्रदान करती है।
इंडियन आर्मी को मिली हाईड्रोजन बस (फोटो- Indian Oil)
Indian Army Hydrogen Bus: भारतीय सेना को अब एक बहुत ही खतरनाक बस मिली है। इस बस में न तो डीजल और न ही पेट्रोल की जरूरत होगी। माइलेज का तो पूछिए मत, 250 से 300 का माइलेज देने वाली इस बस को एक इंडियन सरकारी कंपनी ने बनाया है। भारतीय सेना को हाइड्रोजन ईंधन सेल प्रौद्योगिकी वाली पहली बस मिली है। हाइड्रोजन से चलने वाली यह बस हाइड्रोजन ईंधन के 30 किलो के टैंक पर 250-300 किमी का प्रभावशाली माइलेज देती है।
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मिलेगी कुल 15 बसें
IANS के अनुसार बस में कुल 37 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। ऐसी कुल 15 बसें आ रही हैं। सेना इनमें से एक बस का परीक्षण करेगी। सेना का कहना है कि हरित और टिकाऊ परिवहन समाधान खोजने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सेना नवाचार और पर्यावरण प्रबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जानी जाती है।
कैसे चलती है बस
हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक इलेक्ट्रो-रासायनिक प्रक्रिया के माध्यम से हाइड्रोजन गैस को बिजली में परिवर्तित करती है। यह एक स्वच्छ और कुशल ईंधन का विकल्प प्रदान करती है। यह प्रक्रिया जलवाष्प को एकमात्र बाई प्रोडक्ट के रूप में छोड़ती है, इस प्रकार यह शून्य उत्सर्जन सुनिश्चित करती है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक लेह- लद्दाख के चुशूल में एक पायलट प्रोजेक्ट भी स्थापित किया जा रहा है, जहां 200 किलो वाट ग्रीन हाइड्रोजन पर आधारित माइक्रोग्राम इस दुर्गम इलाके की चरम जलवायु परिस्थितियों में तैनात सैनिकों को स्वच्छ बिजली प्रदान करेगा। इस नई परिवहन तकनीक को अपनाने के लिए भारतीय सेना ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) के साथ सहयोग किया है।
आर्मी चीफ की मौजूदगी में सेना को मिली बस
थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य की उपस्थिति में सोमवार को भारतीय सेना और आईओसीएल के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया। इस दौरान भारतीय सेना को एक हाइड्रोजन ईंधन सेल बस भी प्राप्त हुई। यह भारतीय सेना और आईओसीएल के बीच पारस्परिक साझेदारी की शुरुआत का प्रतीक है। एमओयू में नवाचार को बढ़ावा देने और भविष्य के लिए टिकाऊ परिवहन समाधानों की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया। नवाचार और पर्यावरणीय जिम्मेदारी पर ध्यान देने के साथ, भारतीय सेना और आईओसीएल के बीच 'हाइड्रोजन ईंधन सेल बस' प्रयास एक महत्वपूर्ण प्रगति है। यह स्वच्छ और हरित परिवहन समाधान का मार्ग प्रशस्त करता है। सेना प्रमुख मनोज पांडे ने कहा, "इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और भारतीय सेना के बीच साझेदारी लगभग छह से सात दशक पुरानी है। यह रिश्ता ठोस नींव पर भी आधारित है। सेना पहली 15 बसों में से एक का ट्रायल करने जा रही है।"
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