Indian Army के फौजियों को राशन में मिलेंगे Millets: समझें- क्यों है इतने अहम कि PM से कृषि मंत्री तक 'Sri Anna' पर दे चुके हैं जोर

Why Millets/Sri Anna is important: दरअसल, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) वर्ष 2023 को 'मोटा अनाज वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा कर चुका है। मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, मक्का आदि तमाम आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त होते हैं और सेहत के लिए बहुत लाभकारी हैं।

Indian Army Millets

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Why Millets/Sri Anna are important for India: भारतीय सेना के जवानों को आने वाले समय में राशन में मिलेट्स (मोटा अनाज या 'श्री अन्न') मिलेंगे। ऐसा इसलिए, क्योंकि बुधवार (22 मार्च, 2023) को सेना की ओर से बताया गया, "यूनाइटेड नेशंस की ओर से साल 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किए के बाद हमने मोटे अनाज की खपत को बढ़ावा देने के लिए फौजियों के राशन में श्री अन्न वाले आटा (Millets Flour) की शुरुआत कर दी है। यह फैसला सुनिश्चित करेगा कि सैनिकों की टुकड़ियों को लगभग आधी सदी (50 साल) के बाद देसी और परंपरागत अनाज मिलें, जो कि गेहूं वाले आटा के चलते देना बंद कर दिए गए थे।"

जारी किए गए सेना के बयान में यह भी कहा गया, "साल 2023-24 से सैनिकों को दिए जाने वाले राशन में अनाज की अधिकृत पात्रता के 25% से अधिक न होने वाले बाजरे के आटे की खरीद के लिए सरकार की मंजूरी मांगी गई है। इन्हें (मिलेट्स) पाने और जारी करने की प्रक्रिया मांग की मात्रा पर आधारित रहेगी। मिलेट वाले आटे की तीन प्रचलित वैरायिटियां जैसे- बाजरा, ज्वार और रागी जवानों को विधिवत वरीयता पर विचार करने के बाद मुहैया कराई जाएंगी।"

खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने में ये कर सकते हैं मदद- PMप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटा अनाज की अहमियत बताते हुए ‘वैश्विक श्री अन्न सम्मेलन’ में 18 मार्च, 2023 को कहा था कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा चुनौती के साथ खान-पान से जुड़ी आदतों से होने वाली बीमारियों से निपटने में ये मददगार साबित हो सकते हैं। भारत श्री अन्न को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। मोटा अनाज प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में और रसायनों एवं उर्वरकों का इस्तेमाल किए बिना आसानी से उगाया जा सकता है। मोटे अनाज को कम पानी में ही उगाया जा सकता है और रसायन-रहित कृषि का बड़ा आधार हैं।

"कुपोषण से निपटने को अधिक मात्रा में उगाएं मोटा अनाज"पीएम से पहले दो मार्च को वार्षिक 'कृषि विज्ञान मेला' के उद्घाटन के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- मोटा अनाज न केवल पोषण के मामले में समृद्ध हैं, बल्कि किसानों को अच्छी कीमत भी दिलाते हैं, और ऐसा करना छोटे और सीमांत किसानों के लिए अच्छा ही होगा, जो भारत में कुल कृषक समुदाय का 80 प्रतिशत हिस्सा हैं। हम अच्छा खा रहे हैं, लेकिन पोषण से भरपूर भोजन नहीं कर रहे हैं...न केवल भारत में, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में कुपोषण की समस्या है। हम अधिक मोटे अनाज उगाकर कुपोषण की समस्या का समाधान कर सकते हैं।

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) वर्ष 2023 को 'मोटा अनाज वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा कर चुका है। मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, मक्का आदि तमाम आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त होते हैं और सेहत के लिए बहुत लाभकारी हैं, जबकि श्री अन्न आम तौर पर छोटे बीज वाली घासों को वर्गीकृत करने के लिए सामान्य शब्द है जिसे अक्सर पोषक अनाज कहा जाता है। इसमें ज्वार, बाजरा, रागी, कुटकी, ककून, चीना, सावा, कोडो व अन्य शामिल हैं। हालांकि, इन चमत्कारी अनाजों को यह सोचकर लोग नहीं खाते थे कि यह गरीब आदमी का भोजन है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अभिषेक गुप्ता author

छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में पारंगत और "मीडिया की मंडी" ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited