POK के बारे में कितना जानते हैं आप, जानें किस हिस्से को लाने के लिए भारतीय सेना है तैयार
India Army is Ready For POK Occupation: 22 फरवरी, 1994 को भारतीय संसद में सर्वसम्मति से पारित हुआ प्रस्ताव में पीओके सहित पूरे जम्मू और कश्मीर को भारत का हिस्सा बताया गया था। प्रस्ताव में कहा गया है कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। भारत अपने इस भाग के विलय का हरसंभव प्रयास करेगा।
फाइल फोटो: POK के वापस लेने के लिए क्या है तैयारी
मुख्य बातें
- मूल जम्मू और कश्मीर में 2,22,236 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल था।
- पाकिस्तान के कब्जे में 72,935 वर्ग किमी हैं। इसके अलावा उसने करीब 5 हजार वर्ग किमी क्षेत्र चीन को दे दिया है।
- लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि भारतीय सेना पीओके पर कब्जा करने के लिए तैयार है।
India Army is Ready For POK Occupation: भारतीय सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बीते मंगलवार को बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर को वापस लेने के लिए तैयार है। और इसके लिए वह भारत सरकार के आदेश का इंतजार कर रही है। इसके पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिमाचल प्रदेश में एक चुनावी सभा में कहा था कि हम पीओके में कश्मीरियों के दर्द को महसूस करते हैं। हमने कश्मीर का विकास शुरू कर दिया है और हम गिलगित और बाल्टिस्तान पहुंचने तक नहीं रुकेंगे। रक्षा मंत्री और सेना के वरिष्ठ अधिकारी के बयान से साफ है कि सरकार और सेना के स्तर पर इस बात पर पूरी तैयारी है कि वक्त आने पर पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में वापस शामिल कर लिया जाय।
संसद पारित कर चुकी है प्रस्ताव
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपने बयान में यह भी कहा है कि पीओके के विषय पर संसद में प्रस्ताव पारित हो चुका है, इसमें कुछ भी नया नहीं है। यह संसद के प्रस्ताव का हिस्सा है। सेना, सरकार का हर आदेश को मानने के लिए तैयार है। लेफ्टिनेंट जनरल जिस प्रस्ताव के पारित होने की बात कर रहे हैं, वह 22 फरवरी, 1994 को भारतीय संसद में सर्वसम्मति से पारित हुआ प्रस्ताव है। जिसमें पीओके सहित पूरे जम्मू और कश्मीर को भारत का हिस्सा बताया गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। भारत अपने इस भाग के विलय का हरसंभव प्रयास करेगा।
और इसी बात को दोहराते हुए 27 अक्टूबर 2022 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू और कश्मीर में कहा था कि पीओके में निर्दोष भारतीयों के खिलाफ अमानवीय घटनाओं के लिए पाकिस्तान पूरी तरह से जिम्मेदार है। आने वाले समय में पाकिस्तान को उसके अत्याचारों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। आज जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह सिर्फ शुरुआत है। हमारा उद्देश्य गिलगित और बाल्टिस्तान जैसे शेष हिस्सों को पुनः प्राप्त करने के लिए 22 फरवरी, 1994 को भारतीय संसद में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को लागू करना है।
कितना हिस्सा पाक और चीन के कब्जे में
अक्टूबर 1947 में भारत में राजा हरि सिंह के जम्मू और कश्मीर के भारत में विलय के फैसले के बाद, मूल राज्य मे 2,22,236 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल था। लेकिन पाकिस्तान और चीन के कब्जे के बाद, इस वक्त भारत में जम्मू-कश्मीर का केवल 1,06,566 वर्ग किमी के क्षेत्र है। जबकि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 72,935 वर्ग किमी कब्जे में है। वहीं 5,180 वर्ग किमी क्षेत्र को पाक ने 1963 में चीन को पट्टे पर दे दिया था। इसके अलावा करीब 38 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र चीन के कब्जे में हैं। ऐसे में चीन के पास करीब 43 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है।
खनिज और जल संपदा से संपन्न
पाकिस्तान के कब्जे में मौजूद कश्मीर का क्षेत्र खनिज संपदा से भरपूर है। यहां पर सोना और पन्ना का प्रचुर भंडार है। इसके अलावा यह क्षेत्र जल संपदा से भरपूर है। इसके अलावा इस क्षेत्र में ही K-2 पर्वत चोटी भी मौजूद है। साथ ही यह इलाका अपने खूबसूरत वादियों के लिए भी मशहूर है। पाक अधिकृत कश्मीर में 2019 की जनगणना के अनुसार करीब 40 लाख आबादी है। और वहां पर एक बड़ा तबका पाकिस्तान की ज्यादतियों से परेशान हैं।
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प्रशांत श्रीवास्तव author
करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रि...और देखें
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