सेना की रणनीति: जम्मू क्षेत्र में जवानों की नए सिरे से तैनाती, मिशन- पाक आतंकियों का खात्मा
जम्मू-कश्मीर में पिछले एक महीने के अंदर आतंकी घटनाओं में खासी बढ़ोतरी हुई है और आतंकियों ने जम्मू को खास तौर पर निशाना बनाया है। आतंकियों ने अपनी रणनीति बनाते हुए शांत जम्मू को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है।
जम्मू में सेना की रणनीति
Indian Army in Jammu: जम्मू क्षेत्र में लगातार बढ़ते आतंकी हमलों के बीच नई रणनीति तैयार हो रही है। उच्च प्रशिक्षित पाकिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैठ को देखते हुए भारतीय सेना खुफिया सूचनाओं और सुरक्षा जरूरतों के अनुसार क्षेत्र में अपनी तैनाती को फिर से समायोजित कर रही है। रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 50-55 आतंकवादियों से निपटने के लिए क्षेत्र में लगभग 500 पैरा स्पेशल फोर्स कमांडो को तैनात किया गया है। ये आतंकी जम्मू में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए प्रवेश कर चुके हैं।
खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय
सूत्रों ने कहा कि खुफिया एजेंसियों ने भी क्षेत्र में अपने तंत्र को मजबूत किया है और आतंकवादियों का समर्थन करने वाले ओवरग्राउंड कार्यकर्ताओं सहित आतंकवादी समर्थन बुनियादी ढांचे को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेना ने यहां पाकिस्तान की छद्म आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए पहले ही क्षेत्र में लगभग 3,500-4000 कर्मियों की एक ब्रिगेड सहित सेना तैनात की है।
आतंकियों को खत्म करने की रणनीति
उन्होंने बताया कि जमीन पर सेना के अधिकारी नए हथियारों और संचार उपकरणों से लैस आतंकवादियों की तलाश और उन्हें खत्म करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेना के पास इस क्षेत्र में पहले से ही एक मौजूदा आतंकवाद विरोधी बुनियादी ढांचा है, जिसमें रोमियो और डेल्टा बलों के साथ-साथ राष्ट्रीय राइफल्स की दो सेनाओं के साथ-साथ अन्य नियमित पैदल सेना डिवीजन भी मौजूद हैं।
एक महीने के भीतर कई आतंकी हमले
जम्मू-कश्मीर में पिछले एक महीने के अंदर आतंकी घटनाओं में खासी बढ़ोतरी हुई है और आतंकियों ने जम्मू को खास तौर पर निशाना बनाया है। आतंकियों ने अपनी रणनीति बनाते हुए शांत जम्मू को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। सबसे पहले 9 जून को आतंकियों ने जम्मू के रियासी में तीर्थयात्रियों से भरी बस पर गोलीबारी की जिसमें 9 लोग मारे गए थ। फिर, आतंकियों ने कठुआ में 8 जुलाई को सेना की गाड़ी को निशाना बनाया, जिसमें 5 जवान शहीद हो गए थे। पिछले एक महीने के भीतर आतंकी 7 बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं, जिनमें 12 जवान शहीद हुए हैं और 9 आम नागरिकों की मौत हुई है।
2005 में आतंकवाद से मुक्त हुए डोडा में भी हमले
वर्ष 2005 में आतंकवाद से मुक्त हो चुके डोडा जिले में 12 जून के बाद से सिलसिलेवार आंतकी हमले देखे जा रहे हैं, जब चत्तरगला दर्रे में आतंकवादी हमले में छह सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे। इसके अगले दिन गंडोह में हुई गोलीबारी में भी एक पुलिसकर्मी घायल हो गया था। इसके बाद 26 जून को जिले के गंडोह इलाके में दिन भर चले अभियान में तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया था, जबकि नौ जुलाई को घड़ी भगवा जंगल में एक और मुठभेड़ हुई थी। इस वर्ष की शुरुआत से अब तक जम्मू प्रांत के छह जिलों में लगभग 12 आतंकवादी हमलों में 11 सुरक्षाकर्मियों, एक ग्राम रक्षा गार्ड और पांच आतंकवादियों सहित कुल 27 लोग मारे गए हैं। इन मृतकों में नौ जून को रियासी जिले के शिव खोड़ी मंदिर से लौट रहे सात तीर्थयात्री भी शामिल हैं। (एएनआई)
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