चीन के लिए चक्रव्यूह तैयार करेंगे स्वदेशी हथियार, सेना को मिलेंगे 307 ATAGS, 200 ब्रह्मोस

जल्द ही टाटा और भारत फोर्ज द्वारा बनाई जाने वाली स्वदेशी अत्याधुनिक आर्टलरी गंस सिस्टम को भारतीय सेना में शामिल किया जा सकेगा।

Weapon for Indian Army

70,500 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी (Indian Army)

Brahmos ATAGS for Army: भारत और चीन के बीच तनातनी को देखते हुए रक्षा मंत्रालय लगातार अपने अत्याधुनिक और घातक हथियारों के बेड़े को बढ़ा रहा है। रक्षा अधिग्रहण परिषद ने सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक के लिए खरीदें (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 70,500 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इन हथियारों में भारतीय नौसेना के लिए 200 ब्रह्मोस मिसाइल, शक्ति ईडब्ल्यू सिस्टम और यूटिलिटी हेलीकॉप्टर शामिल हैं। रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा दिखाई गई हरी झंडी में अप्रूव्ड हथियारों में सबसे ज्यादा भारतीय नौसेना के लिए हैं जिनकी कीमत 56,000 करोड़ रुपये होगी। भारतीय वायु सेना के लिए लॉन्ग रेंज स्टैंड-ऑफ वेपन को भी मंजूरी दी गई है। इसे SU-30 Mki विमान पर लगाया जाएगा।

307 ATAGS की खरीद

भारतीय सेना की गतिशीलता बढ़ाने के लिए गन टोइंग वाहनों के साथ 155 मिलीमीटर/52 कैलिबर एटीएजीएस की खरीद की जाएगी। माना जा रहा है कि लगभग 307 ATAGS की खरीद के लिए एक्सेप्टेंस आफ नेसेसिटी जारी कर दिया गया है यानि जल्द ही टाटा और भारत फोर्ज द्वारा बनाई जाने वाली स्वदेशी अत्याधुनिक आर्टलरी गंस सिस्टम को भारतीय सेना में शामिल किया जा सकेगा। हाल ही में पहली बार 15 अगस्त 2022 को लाल किले पर 21 तोपों की सलामी में इन्हीं तोपों को इस्तेमाल किया गया था। यह आत्मनिर्भरता की बढ़ती ताकत का प्रतीक हैं।
भारतीय तटरक्षक को एचएएल से उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर एमके-III प्राप्त होंगे। 2022-23 में 2.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रक्षा उपकरणों और हथियारों की खरीद को मंजूरी दी गई है, इसमें 99 फीसदी भारतीय उद्योगों से प्राप्त किए जाने हैं।

ब्रह्मोस मिसाइल से बढ़ेगी समुद्री हमले की क्षमता

ब्रह्मोस मिसाइल की अतिरिक्त खरीद समुद्री हमले की क्षमताओं और एंटी-सरफेस वारफेयर ऑपरेशन को आगे बढ़ाएगी। वहीं, अतिरिक्त यूटीलिटी हेलीकाप्टर खोज व बचाव कार्यों, घायलों को बाहर निकालने, मानवीय सहायता आपदा राहत (एचएडीआर) आदि के क्षेत्र में भारतीय नौसेना की परिचालन तत्परता में बढ़ोतरी करेगा। इसी तरह, शक्ति ईडब्ल्यू प्रणाली दुश्मनों के किसी भी ऑपरेशनों से निपटने में नौसेना के अग्रिम पंक्ति के पोतों को सक्षम और आधुनिक बनाएगी।
डीएसी ने लॉन्ग रेंज स्टैंड-ऑफ वेपन (एलआरएसओडब्ल्यू), जिसे एसयू-30 एमकेआई विमान पर स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और एकीकृत किया जाएगा, के लिए भारतीय वायु सेना के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
परिषद ने भारतीय सेना की आर्टिलरी को और ज्यादा ताकतवर करने के लिए भी बड़े प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है जिसमें एडवांस्ड टोएड एंटी गन सिस्टम्स के अलावा K9 वज्र और धनुष की संख्या को भी बढ़ाया है। भारत और चीन के बीच तनाव को देखते हुए पिछले साल इन तोपों को एलएसी के नजदीक तैनात किया गया है जबकि ATAGS का परीक्षण भी इन इलाकों में किया जा चुका है । हाई मोबिलिटी व्हीकल (एचएमवी) और गन टोइंग वाहनों (जीटीवी) की खरीद के लिए एओएन को मंजूरी दी गई है।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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