भारतीय सेना के पास जल्द होगा मेड इन अमेठी हथियार, AK-203 एसॉल्ट राइफल्स की पहली खेप तैयार
AK-203 छोटे हथियारों की कलाश्निकोव की 'सीरीज़ 200' का हिस्सा है, जिसमें लोकप्रिय गोल कैलिबर और बैरल लंबाई वाले कई मॉडल शामिल हैं।
AK-203 एसॉल्ट राइफल
AK-203 Assault Rifles: उत्तर प्रदेश के अमेठी में बनाई जाने वाली अब तक की सबसे घातक और आधुनिक AK-203 एसॉल्ट राइफल्स की पहली खेप बनकर तैयार हो चुकी है और जल्द ही इसे सेना को सौंपने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। इसके बाद इन्हें नॉर्दन बॉर्डर्स के अग्रिम मोर्चों पर सैनिकों को इशु कर दिया जाएगा। पहली खेप अमेठी में तैयार की गई 5000 AK203 रायफल सेना को सौंपी जा रही हैं। पिछले साल उत्तर प्रदेश के अमेठी के कोरवा में इन अत्याधुनिक असाल्ट राइफल का उत्पादन शुरू हो चुका है।
भारत-रूस के बीच 2019 में हुआ था समझौता 2019 में, भारत और रूस ने इंडो- रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत उत्तर प्रदेश में अमेठी के कोरवा के पास एके -203 असॉल्ट राइफल्स के निर्माण के लिए एक संयुक्त उद्यम लगाया गया , जो इस राइफल का उत्पादन शुरू कर चुका है। अमेठी के कोरवा में संयुक्त उद्यम, इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) द्वारा ₹ 5,000 करोड़ से अधिक की लागत वाली 6.1 लाख से अधिक AK-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण किया जा रहा है। रूसी राज्य कंपनी इंडो- रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड की सह-संस्थापक है।
मेड इन इंडिया के लिए बड़ी कामयाबी रूस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक भारत में रूस की नई कलाश्निकोव AK-203 असॉल्ट राइफल्स का उत्पादन तेज़ी से हो रहा है। राइफल्स का निर्माण भारत-रूस के संयुक्त उद्यम द्वारा उत्तर प्रदेश के कोरवा में एक संयंत्र में किया जाना भारत के मेड इन इंडिया मिशन के लिए एक बड़ी कामयाबी है। इंडो-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 2019 में रूसी मूल के कलाश्निकोव असॉल्ट राइफलों के उत्पादन के लिए की गई थी।
कलाश्निकोव की 'सीरीज़ 200' का हिस्सा है AK-203रूस की स्टेट आर्म्स कंपनी रोजोबेरॉन एक्सपोर्ट्स के मुताबिक AK 203 राइफल का उत्पादन 100 फ़ीसदी लोकल रिसोर्सेज के साथ किया जा रहा है। AK-203 छोटे हथियारों की कलाश्निकोव की 'सीरीज़ 200' का हिस्सा है, जिसमें लोकप्रिय गोल कैलिबर और बैरल लंबाई वाले कई मॉडल शामिल हैं। इस सीरीज में एडजेस्टेबल स्टॉक और पिकाटनी रेल, साथ ही साथ अन्य एनहैंसमेंट जैसी ट्यूनिंग सुविधाएं शामिल हैं। AK-203 असॉल्ट राइफल में 7.62x39mm राउंड का इस्तेमाल किया जाता है।
लाखों की संख्या में होना है उत्पादन भारत और रूस के बीच हुई डील के मुताबिक सेना समेत सभी सिक्योरिटी एजेंसीज के लिए लाखों की संख्या में AK-203 एसॉल्ट राइफल्स का उत्पादन होना है। AK-203 राइफल को जल्द सेना के जवानों को सौंप दिया जाएगा इन्हें अब तक इस्तेमाल की जा रही इंसास राइफल का की जगह इस्तेमाल किया जाएगा पहली खेप में यह राइफल सेना को दी जाएंगी सेना को आपूर्ति किए जाने के बाद इन्हें भारतीय वायु सेना और नौसेना को भी सौंपा जाना है। AK-203 राइफल्स की रेंज 400 से 800 मीटर तक है और इनमें 50 राउंड की मैगज़ीन लगाई जा सकती है यही वजह है कि चीन और पाकिस्तान दोनों की नींद उड़ी हुई है।
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शिवानी शर्मा author
19 सालों के पत्रकारिता के अपने अनुभव में मैंने राजनीति, सामाजिक सरोकार और रक्षा से जुड़े पहलुओं पर क...और देखें
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