India China clash in Tawang: यांग्त्से पहले भी बन चुका है PLA का निशाना, समझें- चीन क्यों करता रहा टारगेट?
India-China clash in Tawang: तवांग झड़प पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में 13 दिसंबर, 2022 को बताया था कि भारतीय सेना ने नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति को “एकतरफा” बदलने के चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रयास को विफल कर दिया। इस बीच, संरा महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक से जब इस मुद्दे पर टिप्पणी करने को कहा गया तो उन्होंने कहा, “हां, हमनें खबरें देखी हैं। हम तनाव कम करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि इलाके में तनाव और न बढ़े।”
India-China clash in Tawang: तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
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लगभग 14 महीने पहले जब भारत-चीन पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को हल करने के लिए 13वें दौर की सैन्य वार्ता की तैयारी में थे, तब उनके सैनिकों ने यांग्त्से क्षेत्र में एक-दूसरे से धक्का-मुक्की की थी। चीनी यांग्त्से में लगभग 100 सैनिकों के साथ बड़ी संख्या में आए और एक भारतीय गश्ती इकाई की ओर से उनका सामना किया गया था।
अंग्रेजी अखबार 'दि इंडियन एक्सप्रेस' को एक अफसर ने बताया कि "कुछ धक्का-मुक्की" हो रही थी। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए स्थानीय कमांडरों ने दखल दिया था। दरअसल, तवांग सेक्टर में भारतीय सैनिकों का दबदबा है जो आगे आने पर चीनी गश्ती दल को देख सकते हैं। जब भी किसी प्रकार की हलचल समझ आती है तो भारतीय फौजी किसी भी प्रकार के फेसऑफ के लिए आगे बढ़ जाते हैं।
यांग्त्से दोनों मुल्कों के बीच 3488 किमी की एलएसी के साथ 25 विवादित क्षेत्रों में से एक है, जो पश्चिमी क्षेत्र से मध्य क्षेत्र से पूर्वी क्षेत्र तक फैला है। वर्ष 2020 में गलवान और हॉट स्प्रिंग्स में चीनी घुसपैठ से पहले ये विवादित क्षेत्र 23 हुआ करते थे।
संवेदनशील क्षेत्र में यह झड़प तब हुई, जब पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से सीमा गतिरोध फिलहाल जारी है। दरअसल, हिंदुस्तान और चीन के जवानों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में नौ दिसंबर, 2022 को एलएसी के पास यांग्त्से के इर्द-गिर्द झड़प हुई।
गुत्थम-गुत्थी में ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए थे।’’ सेना की ओर से बताया गया था- हमारे सैनिकों ने चीनी सैनिकों का दृढ़ता से सामना किया। दोनों पक्षों के कुछ जवानों को मामूली चोटें आईं। आगे बताया गया कि दोनों पक्ष तत्काल क्षेत्र से पीछे हट गए। फिर हमारे कमांडर ने स्थापित तंत्रों के अनुरूप शांति बहाल करने के लिए चीनी समकक्ष के साथ ‘फ्लैग बैठक’ की थी।’’
तवांग सेक्टर में एलएसी पर क्षेत्रों को लेकर दोनों पक्षों की ‘‘अलग-अलग धारणा’’ है। सेना के मुताबिक, ‘‘अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी से सटे अपने दावे वाले कुछ क्षेत्रों में दोनों पक्ष गश्त करते हैं। यह सिलसिला 2006 से जारी है।’’ पूर्वी लद्दाख में रिनचेन ला के पास अगस्त 2020 के बाद से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प है। (पीटीआई इनपुट्स के साथ)
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