'गुंडई और स्ट्रीट फाइटिंग, इतना गिर गई है PLA?', 'चालबाज' China पर बोले नरवणे- वे हर साल आते हैं, पर...

India-China face-off in Tawang: जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण संघर्ष के बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच यह पहली बड़ी झड़प है। नौ दिसंबर, 2022 को यह झड़प ऐसे वक्त पर हुई, जब दोनों देश मई 2020 में पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद शुरू हुए पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध के बाद से विभिन्न बिंदुओं पर इसे हल करने के लिए कमांडर स्तर की 16 दौर की बातचीत कर चुके हैं।

India-China face-off in Tawang: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के जवानों की झड़प के बीच विवाद गर्माने के बाद जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (रिटायर्ड) ने खुलासा किया है कि यह अभी और 2020 की बात नहीं है। चीन की ओर से हर साल दो से तीन दफा इस तरह के प्रयास (यथास्थिति बदलने से जुड़े) किए जाते हैं, पर उन्हें तभी खदेड़ दिया जाता है। क्या यही चीन का स्तर है, जो वह गुंडागर्दी और स्ट्रीट फाइटिंग पर उतर आया है?

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समाचार एजेंसी एएनआई को हाल ही में दिए इंटरव्यू के दौरान पत्रकार स्मिता प्रकाश ने उनसे पूछा था कि क्या तवांग सेक्टर में जो नौ दिसंबर को हुआ, उसमें और 2020 (गलवान झड़प) की गुत्थम-गुत्थी में कुछ सामान्य था? रिटायर्ड जनरल का दो टूक जवाब आया- यह सिर्फ साल 2020 की बात नहीं है। वे हर साल इस तरह आने के प्रयास करते हैं। वे हर वर्ष इस तरीके की दो से तीन कोशिशें करते हैं और हर बार उन्हें रोक या खदेड़ दिया जाता है।

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