बिना डॉक्टर की पर्ची के खरीदतें हैं दवाइयां,ये निशान बताएंगे रिस्क,एंटीबायटिक पर हो जाएं अलर्ट
Cough Syrup : भारत में बिना डॉक्टर की पर्ची के सीधे केमिस्ट से दवाइयां खरीदना बेहद आम बात है। और केमिस्ट भी, ऐसी मंजूरी नही होने के बावजूद, दवाइंया धड़ल्ले से बेचता है। लेकिन यही हादत बड़े नुकसान को दावत देती है। Lancet की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2019 में एंटीबॉयटिक के 47 फीसदी फॉर्मुलेशन अप्रूव नहीं थे।
एंटीबॉयटिक का भरतीय कर रहे हैं धड़ल्ले से इस्तेमाल
मुख्य बातें
- Lancet की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2019 में एंटीबॉयटिक के 47 फीसदी फॉर्मुलेशन अप्रूव नहीं थे।
- भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली एंटीबॉयटिक Azithromycin 500mg टैबलेट है।
- बिना सोचे-समझे दवा के इस्तेमाल से रोग से लड़ने की क्षमता कम हो रही है।
Cough Syrup : कफ सिरप (Cough Syrup)भी जहर हो सकता है, इस समय लोगों के जेहन में यही सवाल लगातार उठा रहा है। मामला भारतीय कंपनी से जुड़े कफ सिरप का है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने आशंका जताई है कि भारतीय कंपनी मेडन फार्मास्युटिकल्स के 4 सिरप पीने की वजह से गांबिया में 66 बच्चों की मौत हो गई है। भारत सरकार का दावा है कि मेडन फार्मास्युटिकल्स के सिरप भारत में नहीं बेचे गए हैं। ऐसे में खतरे की कोई बात नहीं है। लेकिन अफ्रीका में हुए इस हादसे ने भारतीयों के दवा खरीदने की आदतों पर जरूर बहस छेड़ दी है।
भारत में बिना डॉक्टर की पर्ची के सीधे केमिस्ट से दवाइयां खरीदना बेहद आम बात है। और केमिस्ट भी, ऐसी मंजूरी नही होने के बावजूद, दवाइंया धड़ल्ले से बेचता है। लेकिन यही हादत बड़े नुकसान को दावत देती है। हाल ही में मेडिकल जर्नल लॉन्सेंट (Lancet) ने भारत में एंटीबॉयटिक (Antibiotic)के इस्तेमाल के तरीकों और उससे होने वाले नुकसान पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। जो बिना सोचे-समझे दवा लेने वालों के लिए चेतावनी है।
47 फीसदी एंटीबॉयोटिक बिना मंजूरी की
Lancet की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2019 में एंटीबॉयटिक के 47 फीसदी फॉर्मुलेशन अप्रूव नहीं थे। लेकिन उनका इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा था। यानी भारतीय बिना मंजूरी के एंटीबॉयटिक का सेवन कर रहे थे, जो ड्रग रेग्युलेटर द्वारा स्वीकृत ही नहीं है। ऐसे में उनका इस्तेमाल सेहत के साथ सीधे तौर पर खिलवाड़ है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली Azithromycin 500mg टैबलेट है। जिसकी कुल बिकने वाली एंटीबॉयटिक में 7.6 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके बाद 6.5 फीसदी हिस्सेदारी के साथ cefixime 200 mg का नंबर आता है। इस स्टडी में सरकार द्वारा वितरित की जाने वाली दवाइयों को शामिल नहीं किया गया था।
क्या हो रहा है नुकसान
एंटीबॉयटिक के गैर जरूरी इस्तेमाल से क्या फर्क पड़ रहा है, इस पर दिल्ली के पल्मोलॉजिस्ट और क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट डॉ प्रशांत राज गुप्ता ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल को बताया कि ज्यादा एंटीबॉयटिक के इस्तेमाल का सीधा असर रोग प्रतिरोधी क्षमता पर पड़ रहा है। साथ ही कई सारे साइड इफेक्टस का भी खतरा रहता है। प्रशांत के अनुसार भारत में धड़ल्ले से कोई भी दवा बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिपशन के खरीदी जा सकती है। ऐसे में केमिस्ट अपने मुनाफे और आगे भी मरीज उसी के पास आए, एंटीबॉयटिक का बिना सोचे समझे इस्तेमाल करते हैं।
आम तौर पर केमिस्ट के पास जाने पर वह मरीज को एक एंटीबायटिक, एक बुखार या दर्द की दवा, एक गैस की दवा और कुछ बिटामिन को गोलियां दे देता है। इसका नुकसान यह हो रहा है, कि मरीज तुरंत तो हैवी डोज के कारण ठीक हो जा रहा है। लेकिन जब उसे वास्तव में एंटीबायटिक की जरूर होगी, तो वह पहले ही इतनी खा चुका होता है, कि क्रिटिकल समय में वह फायदेमंद नहीं रहती है। ऐसे बहुत से मामले आ रहे हैं। भारत में ओवर द काउंटर ड्रग्स के लिए न केवल नियम बनने चाहिए, बल्कि उसका सख्ती से पालन भी होना चाहिए। इसके लिए केमिस्ट पर भारी जुर्माने का प्रावधान होना चाहिए।
दवा खरीदते समय इस निशान का रखें ध्यान
लोगों को सतर्क करने के लिए, दवाइयों के पैकेट पर भी चेतावनी दी होकी है। जैसे कि अगर किसी दवा के पत्ते पर लाल रंग की लाइन बनी हो, तो इसका सीधा मतलब है कि बिना डॉक्टर की सलाह के ऐसी दावइयों का इस्तेमाल नहीं किया जाय। इसी तरह अगर दवा के पत्ते पर Rx लिखा है तो उसे भी बिना डॉक्टर के सलाह के नहीं लेना चाहिए। इस संबंध में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय सलाह भी जारी कर चुका है।
ओवर द काउंटर (OTC)ड्रग्स के लिए सरकार ला रही है नियम
भारत में भले ही लोग धड़ल्ले से बिना डॉक्टर की पर्ची के दवाइयां खरीदते हो लेकिन कानून के अनुसार, यह अभी गैर कानूनी है। अब केंद्र सरकार इस संबंध में कानून लेकर आ रही है। जिसमें 16 दवाइयों को OTC के तहत बेचा जा सकेगा। यानी बिना डॉक्टर की पर्ची के उन्हें केमिस्ट से खरीदा जा सकेगा। इसके तहत पैरासिटामॉल, माउथवॉश सहित दूसरी दवाइयां शामिल होंगी। हालांकि अभी सरकार ने इसके लिए ड्रॉफ्ट नोटिफिकेशन ही निकाला है। फाइनल नियम अभी जारी नहीं किए गए हैं..
दवाइयां जिन्हें OTC के तहत मिल सकती है मंजूरी |
Povidine Iodine |
Chlorohexidine |
Clotrimazole cream Composition |
Clotrimazole dusting powder |
Dextromethorphan Hydrobromide Lozenges |
Diclofenac ointment |
Diphenhydramine Capsules 25 mg |
Paracetamol tabs 500 mg |
Sodium Chloride Nasal spray 0.09 % |
Oxymetazoline nasal solution 0.05% |
Ketoconazole shampoo 2% |
Lactulose solution 10gm/15ml |
Benzoyl peroxide 2.5 |
Calamine Lotion |
Xylometazoline hydrochloride 0.05% |
Bisacodyl tablets 5mg |
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प्रशांत श्रीवास्तव author
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