नौसेना को मिला एक और स्टील्थ विध्वंसक युद्धपोत, ब्रह्मोस मिसाइल से लैस 'इंफाल' पाक-चीन के लिए जंग में बनेगा 'काल'

भारतीय नौसेना को जो गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर वाला तीसरा स्टील्थ विध्वंसक युद्धपोत सौंपा गया है, उसका नाम इंफाल है। यह युद्धपोत सरफेस टू सरफेस सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल और मीडियम रेंज सरफेस टू एयर बराक-8 मिसाइल से लैस है।

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सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल से लैस डिस्ट्रॉयर ‘इंफाल’

नौसेना को शुक्रवार को एक और विध्वंसक युद्धपोत मिल गया हैस, जो किसी भी जंग में चीन पाक के लिए काल की तरह होगा। यह युद्धपोत ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है, और ब्रह्मोस मिसाइल से चीन कितना खौफ खाता है, ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है। समुद्र में यह युद्धपोत किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम है।

इंफाल की खासियत

भारतीय नौसेना को जो गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर वाला तीसरा स्टील्थ विध्वंसक युद्धपोत सौंपा गया है, उसका नाम इंफाल है। यह युद्धपोत सरफेस टू सरफेस सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल और मीडियम रेंज सरफेस टू एयर बराक-8 मिसाइल से लैस है। इसमें पानी के अंदर युद्ध करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित एंटी-सबमरीन वेपन और सेंसर, मुख्य रूप से हल माउनटेड सोनार हुमसा एनजी, हेवी वेट टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर और रॉकेट लॉन्चर फीट किया गया है। यह भारत के सबसे बड़े विध्वंसकों में एक है। इसकी कुल लंबाई 164 मीटर और विस्थापन क्षमता 7500 टन से अधिक की है। यह जहाज एक शक्तिशाली प्लेटफ़ार्म है जो समुद्री युद्ध के पूर्ण स्पेक्ट्रम में फैले विभिन्न प्रकार के कार्यों और मिशनों को पूरा करने में सक्षम है।

सभी टेस्ट में पास

इस पोत का निर्माण स्वदेशी इस्पात (स्टील) डीएमआर 249ए से किया गया। नौसेना का मानना है कि इंफाल की चौतरफा क्षमता इसे सहायक जहाजों की झुंड के बिना संचालित करने में और साथ ही साथ नौसेना टास्क फोर्स के फ्लैगशिप के रूप में कार्य करने हेतु सक्षम बनाएगी। इस पोत ने सभी समुद्री परीक्षण पूरे कर लिए है, जिसमें पहले सीएसटी में महत्वपूर्ण हथियारों की गोलाबारी भी शामिल हैं। यह पोत पी15बी के अन्य सभी पोतों में से पहला है जिसमें लंबी अवधि की दोहरी क्षमता वाली लॉन्ग रेंज और लैंड अटैक के लिए उन्न्त ब्रह्मोस मिसाइलें लगाई जाएगी। इसके अलावा, इम्फाल पहला नौसेना युद्धपोत है, जिसमें महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए आवास है।

युद्धपोत की क्षमता

पोत 312 लोगों की क्रू को समायोजित कर सकता है, 4000 समुद्री मील की क्षमता रखता है। यह 42 दिनों में विस्तारित मिशन के आउट ऑफ एरिया ऑपरेशन को पूरा कर सकता है। अपनी क्षमता को और अधिक बढ़ाने के लिए पोत दो हेलिकॉप्टर से लैस है। जहाज को एक शक्तिशाली संयुक्त गैस और गैस प्रोपलशन प्लांट (सीओजीएजी) द्वारा संचालित किया जाता है। इसमें चार रिवर्सेब्ल गैस टर्बाइन होते हैं, जो उसे 30 समुद्री मील (लगभग 55 किमी प्रति घंटे) से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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