'चालबाज' चीन को समुद्र में पटखनी देने की तैयारी, साल 2035 तक नौसेना के पास होंगे 175 युद्धपोत

Indian Warships : समुद्र में चीन की बढ़ती चुनौती को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। जिबूती, कराची एवं ग्वादर के बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अपने लिए नए नौसैनिक अड्डों की तलाश कर रही है। आईओआर एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती चुनौतियों का सामना करने के लिए भारतीय नौसेना भी अपनी लॉजिस्टिक बढ़ा रही है।

नौसेना बढ़ा रही युद्धपोतों की संख्या।

Indian Warships : समुद्र में चीन का सामना एवं हिंद प्रशांत महासागर में उसकी नौसेना के बढ़ते प्रभाव एवं दबदबे को चुनौती देने के लिए भारतीय नौसेना तेजी से अपने युद्धक बेडे़ एवं मारक क्षमता में इजाफा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि साल 2035 तक तक भारतीय नौसेना के पास कम से कम 175 युद्धपोत होंगे जबकि 2030 तक यह संख्या 155-160 करने की है।

नौसेना के बेड़े में बढ़ेंगे एयरक्राफ्ट-हेलिकॉप्टर

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक समुद्र में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए नौसेना कई तरह के ऑर्डर दे चुकी है। करीब दो लाख करोड़ रुपए के अनुमानित लागत पर 68 युद्धपोतों एवं जहाजों की खरीद के लिए ऑर्डर दिए जा चुके हैं। यही नहीं, 132 युद्धपोतों, 143 एयरक्राफ्ट और 130 हेलिकॉप्टरों वाली नौसेना को अगली पीढ़ी के आठ युद्धपोत, नौ सबमरीन, पांच सर्वे वेसेल की खरीद और देश में दो बहु-उपयोगी जहाज बनाने की शुरुआती मंजूरी मिल गई है।

2035 तक होंगे 175 युद्धपोत

शिपयार्ड में निर्माण की धीमी गति, पुराने हो चुके युद्धपोतों के सेवा से बाहर होने और नई खरीद में बजट की अड़चनों के बाद भारतीय नौसेना के पास 2030 तक करीब 155-160 युद्धपोत होंगे। रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि 'युद्धपोंतों के ये आंकड़े बदलते रहेंगे लेकिन कोशिश यह है कि 2035 तक नौसेना के पास नहीं 200 तो कम से कम 175 युद्धपोत जरूर हों। यह हिंद प्रशांत महासागर और उसके बाहर सामरिक पहुंच, अभियानगत आवश्यकताओं के लिए जरूरी है। इस क्षेत्र में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए युद्धपोतों, लड़ाकू जहाज, हेलिकॉप्टर एवं ड्रोन की संख्या बढ़ानी होगी।'

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