इंडियन नेवी होगी और मजबूत, 2 न्यूक्लियर सबमरीन की मिली मंजूरी, 26 राफेल भी होंगे शामिल; अगले 10 सालों का खाका तैयार

आज की तारीख में विभिन्न भारतीय शिपयार्ड में 62 जहाजों और एक पनडुब्बी का निर्माण किया जा रहा है। नौसेना के पास 31 जहाजों और पनडुब्बियों के लिए प्रारंभिक मंजूरी है, जो सभी भारत में बनाए जाएंगे।

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भारतीय नौसेना की सबमरीन (फोटो- @Indian Navy)

भारतीय नौसेना को सरकार और मजबूत करने की तैयारी में है। नेवी को लेकर भारत सरकार ने कई बड़ी तैयारियां कर रखी हैं, कई निर्माण कार्य और खरीद को मंजूरी मिल गई है। मिली जानकारी के अनुसार नौसेना को दो न्यूक्लियर सबमरीन बनाने की अनुमति मिल गई है। इसे देश में ही बनाया जाएगा।

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26 राफेल जेट का होगा डील

नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने सोमवार को कहा कि सरकार ने परमाणु चालित दो स्वदेशी हमलावर पनडुब्बियों के निर्माण को मंजूरी दे दी है तथा अगले महीने 26 राफेल जेट विमानों के नौसेनिक संस्करण और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। पिछले साल जुलाई में रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस से राफेल-एम जेट विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनाती के लिए किया जाएगा। मंत्रालय ने भी फ्रांस से तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद को मंजूरी दे दी है।

10 सालों का खाका तैयार

नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत अपने बेड़े में अगले 10 वर्षों में लगभग 95 जहाजों को शामिल करेगा क्योंकि 2047 तक भविष्य के लिए तैयार नौसैन्य बल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है जो एक समुद्री शक्ति के रूप में भारत के पुनरुत्थान को मजबूत करेगा तथा विश्वसनीय प्रतिरोध सुनिश्चित करेगा। सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा दो परमाणु हमलावर पनडुब्बियों (एसएसएन) के निर्माण को मंजूरी दिए जाने के बारे में एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि पहली पनडुब्बी को 2036-37 तक तथा दूसरी को उसके लगभग दो वर्ष बाद चालू करने की योजना है।

चीन और पाकिस्तान पर करीब से नजर

नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत चीनी पीएलए नौसेना की गतिविधियों और पाकिस्तानी नौसेना के विकास पर बारीकी से नजर रख रहा है। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तानी नौसेना की आश्चर्यजनक वृद्धि से अवगत हैं, जिसका लक्ष्य 50 जहाजों वाली नौसेना बनना है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को देखकर बहुत हैरानी होती है कि वे इतने सारे जहाज और पनडुब्बियां कैसे बना रहे हैं या बनवा रहे हैं। निश्चित रूप से उन्होंने अपने लोगों के कल्याण के बजाय हथियारों को चुना है। चीन द्वारा पाकिस्तान की समुद्री ताकत बढ़ाने में मदद के बारे में नौसेना प्रमुख ने कहा कि इससे पता चलता है कि चीन पाकिस्तान को सैन्य रूप से मजबूत बनाने में दिलचस्पी रखता है।

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शिशुपाल कुमार author

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