'नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से जुड़े VIDEO हटाएं', रेलवे ने 'एक्स' को दिया निर्देश

Delhi Stampede: रेल मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बीते शनिवार (15 फरवरी, 2025) को मची भगदड़ के 258 वीडियो हटाने का निर्देश दिया। मंत्रालय ने 17 फरवरी को एक्स को एक टेकडाउन नोटिस जारी करते हुए नैतिकता और एक्स की कंटेंट पॉलिसी का हवाला दिया और 36 घंटे के भीतर इन पोस्टों को हटाने का निर्देश दिया।

New Delhi Stampede

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़

Delhi Stampede: रेल मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बीते शनिवार (15 फरवरी, 2025) को मची भगदड़ के 258 वीडियो हटाने का निर्देश दिया। यह कार्रवाई मंत्रालय द्वारा दिसंबर में मिली शक्तियों के तहत की गई हैं।

रेल मंत्रालय का 'एक्स' को नोटिस

मंत्रालय ने 17 फरवरी को एक्स को एक टेकडाउन नोटिस जारी करते हुए नैतिकता और एक्स की कंटेंट पॉलिसी का हवाला दिया। मंत्रालय ने 36 घंटे के भीतर इन पोस्टों को हटाने का निर्देश दिया।

नोटिस में कहा गया है कि ये न केवल नैतिक मानकों के खिलाफ है, बल्कि एक्स डॉट कॉम की कंटेंट पॉलिसी के भी विरुद्ध है, क्योंकि इस तरह के वीडियो के चलने से कानून-व्यवस्था खराब हो सकती है। रेल मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की चीजें रेलवे के संचालन को प्रभावित कर सकती है, विशेष रूप से तब जब रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ होती है।

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कंटेंट हटाने के निर्देश

यह पहली बार नहीं है जब रेल मंत्रालय ने कंटेंट हटाने का निर्देश दिया है। जनवरी में भी यूट्यूब और इंस्टाग्राम को एक नोटिस भेजा गया था, जिसमें भ्रामक, संवेदनशील और उकसाने वाली जानकारी को हटाने की मांग की गई थी। मेटा (फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी) ने इस आदेश के बाद उचित कार्रवाई की पुष्टि की थी।

'एक्स' की ग्राफिक कंटेंट नीति

'एक्स' कुछ हद तक ग्राफिक कंटेंट की अनुमति देता है, बशर्ते कि वह सही लेबलिंग के साथ हो, प्रमुख रूप से प्रदर्शित न किया जाए और हिंसा का महिमामंडन न करे।

रेलवे को मिली नई शक्तियां

रेल मंत्रालय को 24 दिसंबर को आईटी अधिनियम की धारा 79(3)(b) के तहत सोशल मीडिया से सीधे कंटेंट हटाने का अधिकार दिया गया। पहले इस तरह के अनुरोध आईटी मंत्रालय के धारा 69A ब्लॉकिंग कमेटी के माध्यम से भेजे जाते थे। अब मंत्रालय किसी भी अवैध विज्ञापन, प्रचार सामग्री या अन्य आपत्तिजनक कंटेंट को सीधे हटाने के लिए निर्देश जारी कर सकता है।

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कानूनी आधार और विवाद

आईटी अधिनियम की धारा 79(3)(b) के तहत, अगर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सरकारी निर्देश मिलने के बावजूद आपत्तिजनक सामग्री नहीं हटाते हैं तो उन्हें कानूनी सुरक्षा (Safe Harbour Protection) खोनी पड़ती है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर टेकडाउन नोटिस में स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया गया कि कंटेंट किस कानून के तहत अवैध है तो वह अपूर्ण माना जाएगा।

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भावना किशोर author

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मूल की भावना ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIMC से 2014 में पत्रकारिता की पढ़ाई की. 10 सालों से मीडिया में काम कर रही हैं. न्यू...और देखें

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