Sudarshan Setu: कहां है देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज सुदर्शन सेतु? जानें इसकी खासियत

Sudarshan Setu, Longest Cable-stayed Bridge: क्या आप जानते हैं कि देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज कहां है, इसका नाम क्या है और इसकी खासियतें क्या-क्या हैं? देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और नायाब नमूना बन कर तैयार हो चुका है। ओखा को भेट द्वारका से जोड़ने वाले इस सुदर्शन सेतु को केबल ब्रिज के रूप में तैयार किया गया है।

Sudarshan Setu

जानें देश के सबसे लंबे केबल ब्रिज की खासियत।

Sudarshan Setu, Cable-stayed bridge: देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज, जिसके निर्माण से भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में नया इतिहास रचा। इस केबल ब्रिज (Cable-stayed bridge) का नाम सुदर्शन सेतु है। जिसके निर्माण में मोदी सरकार ने 980 करोड़ रुपये खर्च किए। इसे हर कोई एक नायाब नमूने के तौर पर देख रहा है। ओखा को समुद्र के बीच बसे भेट द्वारका से जोड़ने वाले इस 2.32 किलोमीटर लंबे सुदर्शन सेतु की खासियत से आपको रूबरू करवाते हैं।

सुदर्शन सेतु : गीता के श्लोकों और श्रीकृष्ण की छवियों से सजाया

सुदर्शन सेतु के निर्माण में बेहद कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया है। इस केबल ब्रिज की दोनों ओर भगवान कृष्ण की छवियों और श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों से सजा हुआ फुटपाथ है। फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर ऊर्जा के पैनल भी लगाए गए हैं, बताया गया है कि इन पैनल से एक मेगावाट बिजली पैदा होती है। द्वारका और भेट-द्वारका के बीच यात्रा करने वाले भक्तों के लिए ये पुल बेहद खास है, इससे आवागमन भी आसान होगी और समय भी बचेगा।

अब तक नाव से भेट द्वारका तक पहुंचते रहे तीर्थयात्री

सुदर्शन सेतु के निर्माण से तीर्थयात्रियों को बेहद सुविधाएं होने वाली हैं। इन्हें भेट द्वारका तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी और नाव पर निर्भर रहना पड़ता था। अगर कभी मौसम खराब हो जाता तो लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता था। ज्वार-भाटे में तो स्थिति बेहद विकट हो जाती है। हालांकि सुदर्शन सेतु के निर्माण से देवभूमि द्वारका के प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में भी काम करेगा।

देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज है सुदर्शन सेतु

स्टील-रिइनफोर्स्ड कंक्रीट से इस पुल का डेक कंपोजिट बनाया गया है। इस पुल की कुल लंबाई 2,320 मीटर (7,612 फीट) है। इसकी चौड़ाई 27.2 मीटर (89 फीट) है। इस पुल पर दोनों किनारे पर 2.5 मीट (8 फीट) चौड़ा फुटपाथ भी बना है। बता दें, ये देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज (longest cable-stayed bridge in India) है।

980 करोड़ रुपये की लागत से हुई सुदर्शन सेतु का निर्माण

वर्ष 2016 में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस पुल के निर्माण को मंजूरी दी थी। ने 7 अक्टूबर, 2017 को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओखा और भेट द्वारका को जोड़ने वाले पुल की आधारशिला रखी थी। उस वक्त अनुमान लगाया गया था कि इस परियोजना में 962 करोड़ रुपये की लागत आ सकती है, लेकिन बाद में इसकी लागत 980 करोड़ रुपये हो गई है। खास बात ये भी है कि लक्ष द्वीप पर रहने वाले करीब 8,500 निवासियों को भी सुदर्शन सेतु से लाभ पहुंचेगा।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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