Global Terrorism Index: भारत में आतंकी घटनाओं में आई गिरावट, रिपोर्ट में सामने आए आंकड़े
Global Terrorism Index: फिक्की-कास्केड रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि वैश्विक आतंकवाद सूचकांक में भारत की स्थिति में सुधार हुआ है। भारत का वैश्विक आतंकवाद अंक (जीटीआई) 7.43 और अपराध सूचकांक अंक 44.7 है। यह बताता है कि 2016 की तुलना में आतंकवादी और अपराध की घटनाएं कम हुई हैं।
सांकेतिक तस्वीर।
Terrorism News: भारत ने पिछले कुछ साल में सुरक्षा उपायों को मजबूत बनाया है, जिससे गलत तरीके से होने वाले व्यापार पर काफी हद तक अंकुश लगा है। हालांकि, इसे और चाक-चौबंद करने से अवैध व्यापार के माध्यम से होने वाली 159 अरब डॉलर के धन-शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) को रोका जा सकेगा। फिक्की-कास्केड रिपोर्ट के अनुसार, भारत का वैश्विक आतंकवाद अंक (जीटीआई) 7.43 और अपराध सूचकांक अंक 44.7 है। यह बताता है कि 2016 की तुलना में आतंकवादी और अपराध की घटनाएं कम हुई हैं।
अवैध व्यापार पर लगाम लगाने में अधिकारियों की अहम भूमिका
रिपोर्ट में कहा गया है, 'अवैध तरीके से होने वाला व्यापार राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने के साथ वैध विनिर्माण को जोखिम में डालता है, सरकारी राजस्व में कमी लाता है, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरे में डालता है तथा उपभोक्ताओं और निवेशकों के भरोसे को कमजोर करता है।' इस मुद्दे से निपटना भारत की आर्थिक स्थिरता, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने और सतत वृद्धि तथा कारोबार सुगमता के लिये अनुकूल परिवेश को बढ़ावा देने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसमें कहा गया है कि कर अधिकारियों की अवैध व्यापार पर लगाम लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका हैं।
टेरर फंडिंग पर लगाम लगेने के लिए क्या कदम उठाए गए?
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्पष्ट रूप से, आतंकवादियों को वित्तपोषण और अवैध व्यापार के खिलाफ लड़ाई किसी भी देश, क्षेत्र या उद्योग से परे है। दुनियाभर में विधि सम्मत उद्योग को बढ़ावा देने, अवैध रूप से कारोबार करने वाले को दंडित करने और आतंकवादियों के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिये वित्त प्रवाह को रोकने के उद्देश्य से सभी देशों की भागीदारी जरूरी है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था 2021 में 3,000 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गई।
खतरों को पर लगाम लगाने के लिये ये सिफारिश करती है रिपोर्ट
यूएनओडीसी (नशीले पदार्थ और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय) के अनुमान के अनुसार भारत में मनी लॉन्ड्रिंग की कुल राशि 159 अरब डॉलर है। यह अवैध तरीके से काम कर रहे बाजार और गलत तरीके से काम करने वालों के बढ़ते प्रभाव से उत्पन्न समस्या की भयावहता को बताता है। रिपोर्ट अवैध संचालन में शामिल संस्थाओं से उत्पन्न खतरों को पर लगाम लगाने के लिये ‘6 सी’ अपनाने की सिफारिश करती है। इसमें नियामक ढांचे के तहत आतंकवाद और संगठित अपराध का संज्ञान, अवैध वित्तीय प्रवाह का निरंतर मूल्यांकन, बेहतर समन्वय के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसी, जागरूकता पैदा करना और उपभोक्ता प्राथमिकताओं को बदलना जैसे उपाय शामिल हैं।
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