चीन को बड़ी पटखनी देने की तैयारी में भारत, इंडिया-अमेरिका- यूएई और सउदी के बीच रेल-पोर्ट नेटवर्क का होगा विकास!
एक्सियोस ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि परियोजना के लिए बातचीत मई से चल रही है, जब व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन अपने सऊदी, अमीरात और भारतीय समकक्षों के साथ बैठक के लिए सऊदी अरब गए थे।
रेल-पोर्ट प्रोजेक्ट पर काम कर रहे भारत और अमेरिका (फोटो- Pixabay)
यदि रिपोर्टों पर विश्वास किया जाए, तो अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और भारत जल्द ही एक ऐसी परियोजना पर कार्य शुरू कर सकते हैं, जिससे चीन की हालत खराब हो जाएगी। यह प्रोजेक्ट न केवल खाड़ी और अरब देशों को रेलवे नेटवर्क के माध्यम से जोड़ेगा बल्कि शिपिंग लेन के माध्यम से भारत तक भी फैला होगा। यह चीन के वन बेल्ट वन रोड पहल का जवाब होगा, जो अब फेल होने की कगार पर पहुंच गया है।
काफी पहले से तैयारीएक्सियोस ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि परियोजना के लिए बातचीत मई से चल रही है, जब व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन अपने सऊदी, अमीरात और भारतीय समकक्षों के साथ बैठक के लिए सऊदी अरब गए थे। इस रिपोर्ट में कहा गया था- "इस पहल में लेवंट और खाड़ी में अरब देशों को रेलवे के नेटवर्क के माध्यम से जोड़ना शामिल होगा, जो खाड़ी में बंदरगाहों के माध्यम से भारत से भी जुड़ेगा।"
लगातार हो रही है चर्चा
यह परियोजना उस बैठक में चर्चा किए गए मुख्य मुद्दों में से एक थी, जिसमें ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के लिए बिडेन के वरिष्ठ सलाहकार अमोस होचस्टीन के नेतृत्व में अमेरिकी पक्ष से बातचीत शुरू हुई थी। बता दें कि इस तरह के संयुक्त बुनियादी ढांचे कार्यक्रम की पहली चर्चा कई महीने पहले I2U2 नामक एक अन्य मंच पर रखे गए थे, जिसमें भारत, इज़राइल, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात शामिल था।
भारत का अहम रोल
एक्सपर्ट की मानें तो इस प्रोजेक्ट में भारत का रोल बहुत बड़ा है। चीन को पटखनी देने के लिए अमेरिका को भारत का हर हाल में साथ चाहिए। भारत ही है जो चीन को सीधे रोक सकता है। भारत का संबंध अमेरिका और खाड़ी देशों के साथ काफी अच्छा है। नई दिल्ली के वाशिंगटन के साथ स्थिर संबंध हैं और वाशिंगटन इसे वैश्विक मानचित्र पर चीन के खतरे का मुकाबला करने के लिए एक स्वाभाविक सहयोगी के रूप में देखता है। मध्य पूर्व चीन के बेल्ट एंड रोड विज़न का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और अमेरिका का मानना है कि संयुक्त पहल बीजिंग का मुकाबला करने का सबसे अच्छा तरीका है। जहां तक सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का सवाल है, भारत इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण ऊर्जा उपभोक्ता है। यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस की ओर झुकने से पहले, भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए इस क्षेत्र पर बहुत अधिक निर्भर था।
हो सकती है घोषणा
जी20 सम्मेलन को लेकर भारत में इन सभी देशों के प्रमुख दिल्ली में जुटने वाले हैं। कहा जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट को लेकर इस दौरान बड़ी घोषणा हो सकती है। राष्ट्रपति बिडेन और भारत, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के नेता शनिवार को एक प्रमुख संयुक्त बुनियादी ढांचा समझौते की घोषणा कर सकते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें
MVA सरकार में फड़णवीस, एकनाथ को फंसाने की कथित साजिश की होगी जांच, 30 दिनों में रिपोर्ट देगी SIT
मुख्तार अंसारी के बेटे को जान का खतरा! जेल में बंद विधायक अब्बास ने अदालत से लगाई ये गुहार
अब गर्मी के लिए रहें तैयार, फरवरी के अधिक गर्म और शुष्क रहने की संभावना, आईएमडी ने बताया
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना ने घुसपैठ की नाकाम, रात भर के ऑपरेशन में दो आतंकी ढेर
मेरी मां 78 साल की बुजुर्ग महिला, राष्ट्रपति का करती हैं बहुत सम्मान, मीडिया ने बयान को तोड़ा-मरोड़ा...प्रियंका ने दी सफाई
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited