Hathras Stampede: हाथरस हादसे की शुरुआती SIT जांच रिपोर्ट सौंपी गई, 100 लोगों के बयान हुए दर्ज
राहत व बचाव कार्य जारी रहने और बुधवार को मुख्यमंत्री के आने के कारण जांच पूरी नहीं हो सकी। अधिकारियों ने तीन दिन का समय मांगा था। इसके बाद आज प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी गई।
हाथरस भगदड़
Hathras Stampede SIT Enquiry: यूपी के हाथरस भगदड़ हादसे की शुरुआती SIT जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है। एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर के नेतृत्व में चल रही जांच में डीएम-एसएसपी सहित 100 लोगों के बयान दर्ज हुए हैं। दो जुलाई की दोपहर हुए इस हादसे के बाद ही मुख्यमंत्री स्तर से एसआईटी जांच का आदेश जारी किया गया था। एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ व मंडलायुक्त चैत्रा वी को एसआईटी का जिम्मा देते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की थी। इसमें सबसे बड़ा मकसद हादसे के मूल कारण और लापरवाही और अनदेखियों को उजागर करना है।
तेजी से आगे बढ़ी जांच हालांकि यह रिपोर्ट बुधवार को ही देनी थी। मगर राहत व बचाव कार्य जारी रहने और बुधवार को मुख्यमंत्री के आने के कारण जांच पूरी नहीं हो सकी। अधिकारियों ने तीन दिन का समय मांगा। घटनास्थल पर तैनात एक-एक पुलिसकर्मी व अन्य सभी विभागों के कर्मचारी-अधिकारी, प्रारंभिक सूचना वाले कर्मी, एंबुलेंस कर्मी, डॉक्टर, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर, किसान, चश्मदीद, घायल, तहसील व जिला स्तर के अधिकारी, डीएम-एसपी आदि तमाम लोगों के बयान शामिल हैं।
2 जून को हुआ हादसा, 123 की मौत
उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव रतीभानपुर में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में मंगलवार 2 जून को अचानक भगदड़ मच गई थी। भगदड़ में अब तक 123 लोगों की मौत हुई है। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को हाथरस पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अपने मंत्रियों और सांसद से पूरी जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की और फिर अस्पतालों में घायलों से मुलाकात करने पहुंचे।
गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज
पुलिस ने इस मामले में मुख्य सेवादार और उसके अन्य सहयोगियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में भोले बाबा की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हाथरस पहुंचकर हादसे में घायल लोगों से अस्पताल में मुलाकात की और घटनास्थल का जायजा भी लिया। संवाददाताओं ने उनसे पूछा कि मुकदमे में भोले बाबा को अभियुक्त क्यों नहीं बनाया गया? इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, जिन लोगों ने कार्यक्रम के लिए अनुमति का आवेदन दिया था, प्रथम दृष्ट्या पहले मुकदमा उनके खिलाफ होता है। उसके बाद फिर उसका दायरा बढ़ता है। जो भी लोग इसके लिए जिम्मेदार होंगे, वे इसके दायरे में आएंगे।
जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग गठित
मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस मामले की न्यायिक जांच के लिये बुधवार को तीन सदस्यीय आयोग गठित किया गया है जो दो महीने में जांच पूरी करके रिपोर्ट देगा। इस आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव करेंगे। आयोग के दो अन्य सदस्यों में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हेमंत राव और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी भावेश कुमार सिंह शामिल हैं।
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