Sudan Crisis : सूडान में फंसे 3000 भारतीयों के लिए INS सुमेधा, सी-130 जे बनेंगे 'देवदूत', हालात पर सरकार की नजर

Indian stranded in Sudan: गत शनिवार को सऊदी अरब ने सूडान में फंसे कई भारतीय नागरिकों को बाहर निकालना। भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत सरकार, अमेरिका, सऊदी अरब, ब्रिटेन एवं यूएई जैसे देशों की मदद ले रही है। बयान में कहा गया है कि नागरिकों को बाहर निकालने के लिए सरकार कई विकल्पों पर काम कर रही है।

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सूडान में फंसे हैं करीब 3000 भारतीय नागरिक।

Indian stranded in Sudan: हिंसाग्रस्त देश सूडान में फंसे अपने 3000 नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत सरकार ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जेद्दा एयरपोर्ट पर भारतीय वायु सेना के दो परिवहन विमान सी-130 जे स्टैंडबॉय मोड में हैं जो नागरिकों को लेकर स्वदेश आएंगे। बयान में यह भी कहा गया है कि सूडान के बंदरगाह पर युद्धपोत आईएनएस सुमेधा ने भी लंगर डाल दिया है। एमईए के बयान में कहा गया है, 'सूडान में फंसे सभी भारतीय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार सभी तरह के प्रयास कर रही है। हम सूडान के जटिल हालात एवं पल-बल बदल रही स्थितियों पर करीबी नजर रख रहे हैं।'

अपने सहयोगियों से संपर्क में है मंत्रालय

बयान में आगे कहा गया है, 'भारतीय दूतावास सूडान में फंसे भारतीयों से लगातार संपर्क में है और घरों से सुरक्षित बाहर कब निकलना है, उन्हें इस बारे में बताया जा रहा है। इस बात को देखा जा रहा है कि नागरिकों के निकलने के लिए सुरक्षा हालात कब अनुकूल होंगे। इसे लेकर भारत सरकार अपने सहयोगियों के साथ समन्वय स्थापित कर रही है।'

शनिवार को सऊदी अरब ने भारतीयों को निकाला

बता दें कि गत शनिवार को सऊदी अरब ने सूडान में फंसे कई भारतीय नागरिकों को बाहर निकालना। भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत सरकार, अमेरिका, सऊदी अरब, ब्रिटेन एवं यूएई जैसे देशों की मदद ले रही है। बयान में कहा गया है कि नागरिकों को बाहर निकालने के लिए सरकार कई विकल्पों पर काम कर रही है। सूडान के हालात काफी जटिल हैं, ऐसे में वहां ग्राउंड ऑपरेशन करने में तमाम सारे खतरे हैं। बयान में आगे कहा गया है कि सूडान का एयरस्पेस सभी विदेशी एयरक्राफ्ट के लिए बंद है।

अमेरिका ने अपने नागरिकों को निकाला

सूडान में जारी हिंसक लड़ाई के बीच अमेरिका, ब्रिटेन सहित कई देश बचाव अभियान चला रहे हैं। अमेरिकी विशेष सैन्य बलों ने रविवार तड़के खार्तूम से अमेरिकी दूतावास के 70 कर्मचारियों को इथियोपिया में एक अज्ञात स्थान पर पहुंचाया। हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा नागरिकों की समन्वित सामूहिक निकासी को अंजाम देना अभी भी बहुत खतरनाक है। अन्य देश भी अपने नागरिकों और राजनयिकों को निकालने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

फ्रांस चला रहा अभियान

फ्रांस, यूनान और यूरोप के देशों ने रविवार को कहा कि वे सहयोगी देशों के कुछ नागरिकों के साथ-साथ दूतावास के कर्मचारियों और नागरिकों के लिए निकासी अभियान शुरू कर रहे हैं। फ्रांस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ऐनी-क्लेयर लिजेंड्रे ने कहा कि फ्रांस यूरोपीय भागीदारों की मदद से अभियान चला रहा है। यूनान के विदेश मंत्री निकोस डेंडियास ने कहा कि देश ने खार्तूम से 120 यूनानी और साइप्रस नागरिकों की निकासी की तैयारी में मिस्र में विमान और विशेष सैन्य बल को भेजा है। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोगों ने खार्तूम के एक गिरजाघर में शरण ली है।

इटली ने भेजे सैन्य विमान

नीदरलैंड ने भी जॉर्डन के लिए दो विमान भेजे हैं। इटली ने सूडान से अपने 140 नागरिकों की निकासी के लिए जिबूती में अपने सैन्य विमान भेजे हैं।

सूडान के सैन्य बलों और शक्तिशाली अर्धसैनिक बल ‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’ के बीच संघर्ष में देश के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को निशाना बनाया गया। परिचालन ठप होने के साथ कई विमान क्षतिग्रस्त हो गए और कम से कम एक रनवे नष्ट हो चुका है। देश के अन्य हवाई अड्डों से भी परिचालन ठप है।

खार्तूम, लाल सागर पोर्ट सूडान से लगभग 840 किलोमीटर दूर

संघर्ष के कारण जमीनी मार्ग से निकासी भी खतरनाक है। खार्तूम, लाल सागर पोर्ट सूडान से लगभग 840 किलोमीटर दूर है। हालांकि तमाम खतरों के बीच कुछ देश निकासी अभियान संचालित कर रहे हैं। सऊदी अरब ने शनिवार को कहा कि देश ने 157 लोगों को सफलतापूर्वक निकाला, जिनमें 91 सऊदी नागरिक और अन्य देशों के नागरिक शामिल हैं।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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आलोक कुमार राव author

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