'इनसाइट: डीएनए ऑफ सक्सेस' में बोले केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर: AI के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए होगा डिजिटल इंडिया अधिनियम

सद्गुरु एकेडमी की स्थापना 12 साल पहले सद्गुरु द्वारा उच्चतम गुणवत्ता वाली नेतृत्व शिक्षा प्रदान करने, आंतरिक कल्याण के लिए उपकरणों के साथ बाहरी कौशल सेट को संयोजित करने के उद्देश्य से की गई थी।

'इनसाइट: डीएनए ऑफ सक्सेस' में सद्गुरु के साथ बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर

सद्गुरु एकेडमी (पूर्व में ईशा लीडरशिप एकेडमी) के कार्यक्रम, 'इनसाइट: द डीएनए ऑफ सक्सेस' का 12वां संस्करण ईशा योग केंद्र, कोयंबटूर में गुरुवार को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राज्य मंत्री और कौशल विकास व उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर की उपस्थिति में शुरू हुआ। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने "भारत का भविष्य: सरकार की दृष्टि और नीति तत्परता" विषय पर ईशा फाउंडेशन के संस्थापक, सद्गुरु के साथ गहन बातचीत की।

बातचीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के उपयोग में आने वाली चुनौतियों के लिए नीतिगत समाधानों पर केंद्रित रहा, जिसमें सद्गुरु ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि कैसे डीपफेक के माध्यम से कुछ नकली संगठनों द्वारा धन जुटाने के लिए उनकी पहचान का गलत उपयोग किया गया। डिजिटल इंडिया अधिनियम के लिए वर्तमान में चल रहे कानून पर चर्चा करते हुए, चंद्रशेखर ने कहा कि इसका उद्देश्य AI के दुष्प्रभावों से निपटना है। यह वर्तमान IT अधिनियम की जगह लेगा जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय पारित किया गया था। लगभग 22 साल पुराने IT अधिनियम में इंटरनेट शब्द का भी उल्लेख नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा- "एआई को एक पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में विनियमित करने के लिए, डिजिटल इंडिया अधिनियम बनाना होगा जो AI के सभी नकारात्मक प्रभावों का निवारण करेगा।"

इसी पर अपने विचार साझा करते हुए सद्गुरु ने कहा- "मैं तकनीक को कभी भी एक समस्या के रूप में नहीं देखता; यह एक बड़ी संभावना है। लेकिन जीवन की प्रकृति ऐसी है, जब तक हम किसी संभावना का सही तरह से उपयोग नहीं करते, यह हमारे जीवन की सबसे खराब समस्या बन सकती है।"

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