कानूनी भाषा भी बदलेगी मोदी सरकार? बोले PM- सरकार में हम लोग सोच रहे हैं कि...
International Lawyers’ Conference 2023: कार्यक्रम में मोदी ने बताया कि इंडिया साल 2047 तक विकसित देश बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, जिसके लिए उसे मजबूत और निष्पक्ष न्यायिक प्रणाली की जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो)
International Lawyers’ Conference 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि एनडीए सरकार सरल तरीके से और भारतीय भाषाओं में कानून बनाने की ओर में कोशिशें कर रही है। शनिवार (23 सितंबर, 2023) को दिल्ली के विज्ञान भवन में हुए अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान वह बोले कि कानून लिखने और न्यायिक प्रक्रिया में जिस भाषा का इस्तेमाल किया जाता है, वह न्याय सुनिश्चित करने में एक बड़ी भूमिका निभाती है।
विधि क्षेत्र के लोगों के सामने अपनी बात रखते हुए पीएम ने बताया, "भारत सरकार में हम लोग सोच रहे हैं कि कानून दो तरीकों से पेश किया जाना चाहिए। एक मसौदा उस भाषा में होगा जिसका आप इस्तेमाल करते हैं। दूसरा मसौदा उस भाषा में होगा जिसे देश का आम आदमी समझ सकता है। उन्हें अपनी भाषा में कानून समझ आना चाहिए।" मोदी के मुताबिक, कानून को जटिल भाषा में बनाने का चलन रहा है।
यहां सुनें, पीएम मोदी का पूरा संबोधनः
प्रोग्राम में आगे उन्होंने विधि समुदाय की तारीफ करते हुए कहा कि न्यायपालिका और बार भारत की न्याय प्रणाली के लंबे समय से संरक्षक रहे हैं और वे भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाते हैं। महात्मा गांधी, बी आर आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल भी वकील थे।
पीएम के अनुसार, यह सम्मेलन ऐसे वक्त में हो रहा है जब भारत कई ऐतिहासिक क्षणों का गवाह बना है। यह (महिला आरक्षण बिल के संदर्भ में) महिलाओं की अगुवाई में विकास को एक नयी दिशा तथा ऊर्जा देगा।
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