जलवायु परिवर्तन पर IPCC की रिपोर्ट में भारत के लिए चिंता की बात, खतरों पर आगाह किया

Report on Climate change : रिपोर्ट में कार्बन उत्सर्जन के स्तर में कटौती लाने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने पर जोर देते हुए कहा गया है कि दुनिया वैश्विक तापमान को डेढ़ डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लक्ष्य से बहुत पीछे है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'मानव गतिविधियां, मुख्य तौर पर ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन स्पष्ट रूप से पृथ्वी के तापमान में वृद्धि का कारण बना है।

रिपोर्ट में भारत को खतरों के प्रति आगाह किया।

Report on Climate change : भारत को जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की नवीनतम रिपोर्ट में जारी चेतावनियों के अनुरूप अपने अनुकूलन और शमन प्रयासों को तेज करना चाहिए, क्योंकि देश को धरती के तापमान में वृद्धि के विनाशकारी प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। संयुक्त राष्ट्र के इस प्रमुख दस्तावेज़ के दो सह-लेखकों ने यह सलाह दी है। सोमवार को जारी की गई आईपीसीसी रिपोर्ट के भारतीय सह-लेखक, दीपक दासगुप्ता और अदिति मुखर्जी ने कहा है कि समुद्र का बढ़ता जलस्तर भारतीय उपमहाद्वीप के लिए चिंता का सबब है, क्योंकि यह तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों की आजीविका और पारिस्थितिकी को प्रभावित करेगा।
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उष्णकटिबंधीय क्षेत्र करें खास उपाय

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‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक ऑनलाइन साक्षात्कार में मुखर्जी ने कहा, 'यह रिपोर्ट (आईपीसीसी की सिंथेसिस रिपोर्ट) सभी देशों के लिए कार्रवाई का आह्वान है, खासतौर पर भारत जैसे देशों के लिए, जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में स्थित होने के कारण जलवायु परिवर्तन के प्रति बेहद संवेदनशील हैं।' उन्होंने कहा, 'इस रिपोर्ट में विभिन्न उपाय सुझाए गए हैं, अनुकूलन और शमन प्रयास- दोनों के संदर्भ में, जिन्हें भारत अपनी राष्ट्रीय परिस्थितियों के हिसाब से लागू कर सकता है।'
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