क्या निज्जर मामले में भारत-कनाडा तनाव के पीछे असली विलेन अमेरिका है? वॉशिंगटन पोस्ट की स्टोरी से उठे सवाल

India Canada Relation : आशंका है कि वर्चस्व की लड़ाई में निज्जर मारा गया हो। निज्जर के लिए बुलेटप्रूफ कार, और बुलेटप्रूफ वेस्ट की मांग भी की गई थी। ब्रिटिश कोलंबिया में बुलेटप्रूफ कार और वेस्ट के लिए स्पेशल परमिट चाहिए होता है। इसलिए निज्जर को ये दोनों चीजें नहीं मिल पाईं। यानी ये मामला पहली नजर में आपसी रंजिश का दिख रहा है।

वाशिंगटन पोस्ट की खबर से अमेरिका की भूमिका पर उठे सवाल।

India Canada Relation : खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत क्यों हुई, ये जानना जरूरी है क्योंकि कनाडा कह रहा है कि निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है, जबकि ये पूरी तरह से गलत है। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की जान को खतरा था। जिस गुरुद्वारे से निज्जर का संबंध था वहां के लोग ने इसकी गवाही दी है। गुरुद्वारों की सियासत में निज्जर को जान से मारने की धमकी मिल रही थी। निज्जर के बेटे ने भी पुलिस से कहा कि धमकियों के बारे में बताया है। निज्जर के कंट्रोल वाले गुरुद्वारे में ग्रंथी और खालसा निज्जर के खिलाफ थे।

पहली नजर में मामला आपसी रंजिश का

आशंका है कि वर्चस्व की लड़ाई में निज्जर मारा गया हो। निज्जर के लिए बुलेटप्रूफ कार, और बुलेटप्रूफ वेस्ट की मांग भी की गई थी। ब्रिटिश कोलंबिया में बुलेटप्रूफ कार और वेस्ट के लिए स्पेशल परमिट चाहिए होता है। इसलिए निज्जर को ये दोनों चीजें नहीं मिल पाईं। यानी ये मामला पहली नजर में आपसी रंजिश का दिख रहा है। पहली बात तो यही है कि निज्जर एक घोषित आतंकी था, उसका क्रिमिनल बैकग्राउंड था, कनाडा में गुरुद्वारों पर कंट्रोल की लडा़ई में निज्जर भी शामिल था। ऐसे आदमी को धमकियां मिल रही थीं, तो उस में हैरानी नहीं होनी चाहिए, हैराी इस बात की है कि कनाडा की इंटेलीजेंस और पुलिस को इसकी जानकारी नहीं थी। और अगर ट्रूडो को इतनी ही चिंता थी निज्जर की तो उसे बुलेटप्रूफ गाड़ी और वेस्ट दे देते।
लेकिन ये सब करने की जगह कनाडा की पुलिस तो मामले से पीछा छुटाने में व्यस्त थी। वॉशिंगटन पोस्ट में निज्जर की हत्या के बाद शुरूआती जांच में जो लैप्स हुए थे उस पर भी लिखा है।
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