UP में जातिगत समीकरण से कांग्रेस को भरोसा! लोकसभा चुनाव से पहले खरगे करेंगे 30 रैली

Loksabha Election 2024 : कभी उत्तर प्रदेश में अपने बलबूते सरकार बनाने वाली कांग्रेस की हालत सूबे में बेहद खराब है। अभी की बात करें तो लोकसभा में इस सबसे बडे़ प्रदेश से एक सांसद और विधानसभा में दो विधायक हैं। पार्टी की हालत बताने के लिए यह आंकड़ा काफी है। कांग्रेस के वोट प्रतिशत में भी भारी गिरावट आई है।

मई 2024 में होंगे लोकसभा चुनाव।

Loksabha Election 2024 : दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश होकर जाता है। यह बात सभी दल समझते हैं। दरसअसल, यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं, इसे नजरंदाज कर केंद्र की सत्ता तक पहुंचना असंभव सा है। कांग्रेस भी इस बात को जानती है। इसलिए उसने अभी से मतदाताओं के बीच अपनी पैठ बनाने और वोट के लिहाज से अपने जातिगत समीकरणों को बिठाना शुरू कर दिया है। इस बार लोकसभा चुनाव में पार्टी दलित, मुस्लिम और सवर्णों को रिझाने की कोशिश में है। रिपोर्टों की मानें तो लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश भर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की 30 रैलियां प्रस्तावित की गई हैं।

यूपी में नाजुक दौर में है कांग्रेस

कभी उत्तर प्रदेश में अपने बलबूते सरकार बनाने वाली कांग्रेस की हालत सूबे में बेहद खराब है। अभी की बात करें तो लोकसभा में इस सबसे बडे़ प्रदेश से एक सांसद और विधानसभा में दो विधायक हैं। पार्टी की हालत बताने के लिए यह आंकड़ा काफी है। कांग्रेस के वोट प्रतिशत में भी भारी गिरावट आई है। बीते नगर निगम चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। निगम चुनावों से पहले कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष पद से अजय कुमार लल्लू को हटाकर राज्य की कमान बसपा से आए पूर्व सांसद एवं दलित नेता बृजलाल खाबरी को सौंपी थी लेकिन खाबरी संगठन एवं पार्टी को मजबूती नहीं दे पाए। कांग्रेस ने खाबरी को हटाकर अजय राय को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।

अजय राय को प्रदेश की कमान

कांग्रेस ने इस बार अजय राय पर भरोसा जताया है। अजय राय पूर्वांचल के एक बड़े नेता माने जाते हैं। वाराणसी से वह दो बार 2014 और 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दे चुके हैं। पूर्वांचल में भूमिहार समाज की अच्छी खासी आबादी है और इस समाज में राय की पकड़ भी अच्छी है। राय ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत भाजपा से की। वह भाजपा से दो बार विधायक रहे। फिर समाजवादी पार्टी का दामन थामा। इसके बाद वह कांग्रेस में हैं। अजय राय के जरिए कांग्रेस यूपी के सवर्ण वोटों को अपने पाले में करना चाहती है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की कोशिश दलित और सवर्ण वोटरों को अपने साथ जोड़ने की है।

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