दिल्ली में बाढ़ के लिए क्या सिर्फ हथिनीकुंड बैराज जिम्मेदार या वजह कुछ और, एक नजर

Delhi Flood Reason: दिल्ली में यमुना नदी के किनारे वाले इलाकों में बाढ़ का पानी परेशानियों की वजह बन गया है। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी जिम्मेदार है। लेकिन क्या बात सिर्फ इतनी सी है।

बाढ़ का सामना कर रही है दिल्ली

Delhi Flood Reason: दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी कोई नयी बात नहीं है। हर साल जुलाई के महीने में जब हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जाता है तो उसकी वजह से यमुना नदी में पानी की मात्रा बढ़ती और उसका असर किनारे वाले इलाके पर पड़ता है। लेकिन बुधवार को जलस्तर ने अपना करीब दो दशक पुराना रिकॉर्ड तोड़ा बल्कि केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक जल का स्तर 208.75 मीटर तक जा सकता है। इस समय जलस्तर 208.48 मीटर है और उसका असर साफ नजर आ रहा है। सिविल लाइंस के ज्यादातर इलाके बाढ़ के पानी में डूबे हैं और बहुत जल्द दिल्ली के सीएम का आवास भी बाढ़ की चपेट में आ सकता है। अब सवाल यह है कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या पहाड़ी राज्यों में जबरदस्त बारिश है या यमुना के खादर में अवैध निर्माण या कोई और वजह है जिसे समझने की कोशिश करेंगे। लेकिन दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी कहती हैं कि इंसान इसे नियंत्रित नहीं कर सकता। उनका कहना है कि जब कभी पानी के स्तर में इजाफा होगा नदी का जलस्तर किनारों से ऊपर जाएगा। इसके अलावा नालों में पहले से ही पानी भरा है लिहाजा यमुना के किनारों वाले इलाकों में जलभराव की परेशानी है।

हथिनीकुंड से दिल्ली तक पानी पहुंचने में लगा कम समय

केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों के मुताबिक इस साल हंथनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में कम समय लगा। इसका वेग शायद बाढ़ क्षेत्र के अतिक्रमण के कारण पानी के गुजरने के लिए एक संकीर्ण मार्ग छोड़ने के कारण अधिक था। नदी के तल को ऊपर उठाने वाली ज्यादा गाद भी बिना बारिश के दिल्ली में बाढ़ का एक अन्य कारण हो सकती है।

कम समय में ज्यादा बारिश

दिल्ली में शनिवार और रविवार को अत्यधिक बारिश हुई और राजधानी में 40 वर्षों में जुलाई का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया। रविवार को सुबह 8.30 बजे तक दिल्ली में 153 मिमी बारिश दर्ज की गई। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पहले कहा था कि दिल्ली ने पहले 24 घंटे में 100 मिमी बारिश झेली थी। लेकिन दिल्ली के सिस्टम इतनी बड़ी मात्रा में बारिश झेलने के लिए तैयार नहीं हैं।

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