Sawal Public Ka : क्या पीएम मोदी के अपमान पर पवन खेड़ा की गिरफ्तारी को बोलने की आजादी से जोड़ना सही है?

Sawal Public Ka : अडानी मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता का नाम घसीटने का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को गिरफ्तार किया गया। फिर सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई। खेड़ा की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने देश में अघोषित इमरजेंसी और तानाशाही जैसे आरोपों की झड़ी लगा दी। अब सवाल पब्लिक का है कि क्या प्रधानमंत्री के अपमान को कांग्रेस राजनीतिक अधिकार का मुद्दा बनाने पर लगी है?

Sawal Public Ka : अडानी मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता का नाम घसीटने का मामला आज और बड़ा हो गया। दिल्ली एयरपोर्ट पर कांग्रेस मीडिया सेल के चेयरमैन पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने देश में अघोषित इमरजेंसी और तानाशाही जैसे आरोपों की झड़ी लगा दी। दिल्ली एयरपोर्ट के रन वे पर ही कांग्रेस के नेताओं ने धरना देना शुरू कर दिया। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां से फिलहाल पवन खेड़ा को राहत मिल गई है।

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पवन खेड़ा कांग्रेस के कई और नेताओं के साथ पार्टी के रायपुर महाधिवेशन के लिए निकले थे। 3 दिनों पहले कोयला मामले में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं पर ED की रेड और अब पवन खेड़ा की गिरफ्तारी को कांग्रेस ने महाधिवेशन से पहले नरेंद्र मोदी सरकार का डर बताया है।

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सवाल पब्लिक का है कि क्या प्रधानमंत्री के अपमान को कांग्रेस राजनीतिक अधिकार का मुद्दा बनाने पर लगी है? क्या प्रधानमंत्री का अपमान भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में आता है? बोलने की आजादी है ..तो क्या प्रधानमंत्री का अपमान करने की छूट है? यही है आज सवाल पब्लिक का।

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