Sawal Public Ka: क्या विदेशी फंडिंग से पीएम मोदी को हटाने की साजिश है या फिर BJP राई का पहाड़ बना रही?

Sawal Public Ka: अमेरिका का एक अरबपति है जॉर्ज सोरोस। उन्होंने खुद कहा है कि वो भारत के मौजूदा सरकार से खुश नहीं, इसे बदलना होगा। ऐसी उनकी ख्वाहिश है। मतलब ये समझें कि सोरोस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे पड़ गए हैं। बहाना उद्योगपति गौतम अडानी का हिंडनबर्ग मामला है, लेकिन साफ तौर पर निशाना नरेंद्र मोदी हैं। वाल पब्लिक का है कि क्या विदेशी फंडिंग से पीएम मोदी को हटाने का ओपन थ्रेट है या फिर BJP राई का पहाड़ बना रही?

Sawal Public Ka: 2014 की जीत के बाद नरेंद्र मोदी जब पहली बार संसद पहुंचे तो उन्होंने झुककर संसद की सीढ़ियों को प्रणाम किया था। बिल्कुल वैसे ही जैसे कोई मंदिर जाता है। 2019 की जीत के बाद संसद के सेंट्रल हॉल में NDA की जो पहली बैठक हुई थी उसमें अपने भाषण से पहले नरेंद्र मोदी ने संविधान को माथे से लगाया था। ये याद दिलाने का आज एक संदर्भ है। एक वजह है। क्या जिस नेता को भारत के संसदीय लोकतंत्र ने अपना नायक चुना है, उसे हटाने के लिए विदेशी शक्तियां डेमोक्रेटिक रिवाइवल का प्रोपेगेंडा कर रही हैं? सवाल बहुत बड़ा है।

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अमेरिका का एक अरबपति है जॉर्ज सोरोस। उन्होंने खुद कहा है कि वो भारत के मौजूदा सरकार से खुश नहीं, इसे बदलना होगा। ऐसी उनकी ख्वाहिश है। मतलब ये समझें कि सोरोस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे पड़ गए हैं। बहाना उद्योगपति गौतम अडानी का हिंडनबर्ग मामला है, लेकिन साफ तौर पर निशाना नरेंद्र मोदी हैं। जॉर्ज सोरोस के शब्दों में भारत में डेमोक्रेटिक रिवाइवल होना चाहिए।

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सोरेस पर दुनिया की कई सरकारों और चुनी हुई व्यवस्थाओं को अपनी फंडिंग से अस्थिर करने के आरोप हैं। जॉर्ज सोरोस के बयान पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि नरेंद्र मोदी ऐसे इरादों के आगे सिर नहीं झुकाएंगे। इस बीच कुछ बीजेपी नेता एक तस्वीर ट्वीट करने लगे हैं। इस तस्वीर में जॉर्ज सोरोस की ओपन सोसाइटी के वाइस प्रेसीडेंट सलिल शेट्टी हैं जिन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा लिया था। जवाब में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि सोरोस के जरिये नहीं, बल्कि नेहरू के दिखाए रास्तों से भारत में डेमोक्रेटिक रिवाइवल होगा।

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