श्रीहरिकोटा में ऐतिहासिक 100वें प्रक्षेपण से पहले ISRO चीफ ने अपनी टीम के साथ तिरुमाला मंदिर में की पूजा-अर्चना

ISRO chief at Tirumala Temple: इसरो प्रमुख डॉ. नारायणन इसरो वैज्ञानिकों की एक टीम के साथ आए और उन्होंने देवता के चरणों में रॉकेट का एक मॉडल रखा।

ISRO Chairman Dr V Narayanan

इसरो प्रमुख डॉ. नारायणन

ISRO Chief at Tirumala Temple: भारत के बहुप्रतीक्षित जीएसएलवी-एफ15/एनवीएस-02 रॉकेट प्रक्षेपण से पहले, इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने मंगलवार को मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना करने हेतु तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का दौरा किया। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी किए गए दृश्यों के अनुसार, डॉ. वी. नारायणन इसरो वैज्ञानिकों की एक टीम के साथ थे और उन्होंने देवता के चरणों में रॉकेट का एक मॉडल (Rocket at The Deity’s Feet) रखा।

इसरो वैज्ञानिकों की टीम ने अपने आगामी प्रक्षेपण के लिए दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु एक विशेष प्रार्थना भी की। एएनआई से बात करते हुए डॉ. नारायणन ने कहा, 'मैं आभारी हूं कि प्रधानमंत्री ने इसरो में तीसरे लॉन्च पैड के लिए 400 करोड़ रुपये मंजूर करने का फैसला किया है, जिससे अंतरिक्ष में भारी रॉकेटों को लॉन्च करना संभव हो सकेगा।' उन्होंने कहा कि यह नया बुनियादी ढांचा अंतरिक्ष में भारी रॉकेटों को प्रक्षेपित करने में सहायक होगा।

जीएसएलवी-एफ15/एनवीएस-02 रॉकेट प्रक्षेपण (GSLV-F15/NVS-02 rocket launch)

इसरो कल यानी 29 जनवरी को श्रीहरिकोटा में अपने 100वें प्रक्षेपण की तैयारी करते हुए इतिहास रचने के लिए तैयार है। जीएसएलवी-एफ15/एनवीएस-02, एनवीएस-02 नेविगेशन उपग्रह को लेकर, दूसरे लॉन्च पैड से सुबह 6:23 बजे उड़ान भरेगा।

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इसरो की विज्ञप्ति में कहा गया है कि जीएसएलवी-एफ15 स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण से सुसज्जित 8वीं जीएसएलवी परिचालन उड़ान है पहली बार, जीएसएलवी-एफ15 एक धातु पेलोड फेयरिंग है जिसका व्यास 3.4 मीटर है। NVS-02 satellite को स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण से सुसज्जित जीएसएलवी-एफ15 द्वारा भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा में स्थापित किया जाएगा। जीएसएलवी-एफ15/एनवीएस-02 मिशन भी इस क्रम को जारी रख सकता है, जिससे नाविक प्रणाली (NavIC system) ऐसी क्षमताओं के साथ और भी अधिक उन्नत हो जाएगी।

NavIC भारत की स्वतंत्र क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली

NavIC भारत की स्वतंत्र क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली है जो भारत और इसके आसपास के क्षेत्रों में उपयोगकर्ताओं को सटीक स्थिति, वेग और समय (PVT) सेवाएं प्रदान करेगी। NavIC दो प्रकार की सेवाएं प्रदान करेगा: मानक पोजिशनिंग सेवा (SPS) और प्रतिबंधित सेवा (RS), एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह सेवा क्षेत्र में 20 मीटर (2 सेकंड) से बेहतर स्थिति सटीकता और 40 एनएस (2 सेकंड) से बेहतर समय सटीकता प्रदान करता है।

भारत के नेविगेशन और उपग्रह अवसंरचना में सुधार के प्रयास में एक महत्वपूर्ण कदम

29 मई, 2023 को जीएसएलवी-एफ12 द्वारा 2,232 किलोग्राम वजनी एनवीएस-01 उपग्रह को भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (GTO) में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया जाएगा। जीएसएलवी-एफ15/एनवीएस-02 मिशन भारत के नेविगेशन और उपग्रह अवसंरचना में सुधार के प्रयास में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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