चंद्रमा पर भारत की कामयाबी की गाथा लिखेगा Chandrayan-3, मिशन पर जुलाई में होगा रवाना
Chandrayan-3 : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन एस सोमनाथ ने सोमवार को कहा कि चंद्रमा पर भारत के तीसरे मिशन चंद्रयान-3 इस जुलाई में अपने अभियान पर रवाना होगा। बता दें कि चंद्रायन-2 के बाद यह चंद्रमा पर भारत का यह तीसरा मिशन है।
जुलाई में चंद्रमा पर जाएगा चंद्रयान-3
Chandrayan-3 : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन एस सोमनाथ ने सोमवार को कहा कि चंद्रमा पर भारत के तीसरे मिशन चंद्रयान-3 इस जुलाई में अपने अभियान पर रवाना होगा। बता दें कि चंद्रायन-2 के बाद यह चंद्रमा पर भारत का यह तीसरा मिशन है। यह चंद्रमा पर यान के सुरक्षित लैंडिंग एवं उसकी सतह का जायजा लेने की भारत की क्षमता को दर्शाएगा। सोमनाथ ने कहा कि चंद्रमा मिशन को लेकर वह पूरी तरह से आश्वस्त हैं।
उपग्रह एनवीएस-01 का हुआ सफल प्रक्षेपण
दूसरी पीढ़ी की सैटेलाइट सीरिज NVS-01 को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किए जाने के बाद इसरो चेयरमैन ने यह बात कही। बता दें कि इसरो ने एक भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के जरिए नौवहन उपग्रह एनवीएस-01 का सोमवार को सफल प्रक्षेपण किया।
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क्षेत्रीय नौवहन प्रणाली को मजबूत करेगा एनवीएस-01
चेन्नई से करीब 130 किलोमीटर दूर यहां स्थित श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से 51.7 मीटर लंबे तीन चरणीय जीएसएलवी रॉकेट को 27.5 घंटे की उल्टी गिनती समाप्त होने पर प्रक्षेपित किया गया। एनवीएस-01 देश की क्षेत्रीय नौवहन प्रणाली को मजबूत करेगा और सटीक एवं तात्कालिक नौवहन सेवाएं मुहैया कराएगा।
'एक रॉकेट के नाकाम होने के हजार कारण होते हैं'
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में सोमनाथ ने कहा कि 'वजह बहुत साफ है। आपको अतीत से सीखना चाहिए और वही करना चाहिए जिसके लिए आप सामर्थ्यवान हों। असफलता मिल सकती है। एक रॉकेट को असफल होने के हजार कारण होते हैं। यहां तक कि आज भी यह मिशन नाकाम हो सकता था। लेकिन जरूरत के हिसाब से हमें काम करना होता है।'
तीन लक्ष्यों के साथ रवाना होगा चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 मिशन में एक स्वदेशी लैंडर, एक प्रोपल्जन मॉड्यूल और एक रोवर लगा होगा। इसरो के मुताबिक इस मिशन के तीन उद्देश्य तय किए गए हैं। पहला चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सुरक्षित एवं सॉफ्ट लैंडिंग, दूसरा चंद्रमा की सतह पर रोवर का चक्कर लगाना और तीसरा उसके सतह की वैज्ञानिक जांच करना। चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से LVM 3 रॉकेट के जरिए रवाना किया जाएगा। प्रोपल्जन मॉड्यूल लैंडर और रोवर को चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की दूरी तक ले जाएगा।
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