गगनयान पर इसरो चीफ ने दिया बड़ा अपडेट, जनवरी तक दुनिया देखेगी ताबड़तोड़ लॉन्चिंग

Gaganyaan Mission ISRO: इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा, 21 अक्टूबर को होने वाली पहली टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान के बाद अंतरिक्ष एजेंसी महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम के तीन और परीक्षण उड़ान मिशन को अंजाम देगी। उन्होंने कहा, गगनयान अभियान में मानव दल को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और उन्हें सुरक्षित हिंद महासागर में उतारा जाएगा।

ISRO chief S Somanath

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ

Gaganyaan Mission ISRO: इसरो के मिशन गगनयान को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। अब इस मिशन पर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बड़ा अपडेट दिया है। उन्होंने कहा है कि गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल डी1 की परीक्षण उड़ान 21 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा, पहले परीक्षण उड़ान के बाद इसरो गगनयान मिशन के और परीक्षणों को भी अंजाम देगा।

तमिलनाडु के मदुरै में इस बहुप्रतीक्षित मिशन पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि 21 अक्टूबर को होने वाली पहली टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान के बाद अंतरिक्ष एजेंसी महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम के तीन और परीक्षण उड़ान मिशन को अंजाम देगी। उन्होंने कहा, गगनयान अभियान में मानव दल को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और उन्हें सुरक्षित हिंद महासागर में उतारा जाएगा। परीक्षण वाहन विकास उड़ान (टीवी-डी1) का परीक्षण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में किया जाएगा।

बहुत क्रिटिकल है क्रू एस्केप सिस्टम

इसरो चीफ ने कहा, गगनयान में क्रू एस्केप सिस्टम एक बहुत ही क्रिटिकल सिस्टम होता है। अगर रॉकेट को कुछ होता है तो आपको चालक दल को विस्फोटित रॉकेट से कम से कम 2 किलोमीटर दूर ले जाकर बचाना होगा। उन्होंने कहा, इसलिए यह परीक्षण उड़ान की स्थिति में एक चालक दल को बचान की प्रणाली को प्रदर्शित करने के लिए है।

जनवरी से पहले होंगी 4 से 5 लॉन्चिंग

इसरो चीफ ने कहा, हम जो परीक्षण करने जा रहे हैं उसे ट्रांसोनिक स्थिति कहा जाता है। हर महीने हम कम से कम एक प्रक्षेपण करेंगे। इस परीक्षण वाहन प्रक्षेपण के बाद, हमारे पास जीएसएलवी है। फिर हमारे पास एसएसएलवी है। फिर उसके बाद, गगनयान मानव रहित मिशन होगा। बीच में पीएसएलवी प्रक्षेपण होगा। इसलिए जनवरी से पहले, आप कम से कम 4-5 प्रक्षेपण देखेंगे।

आदित्य एल1 को लेकर भी दिया अपडेट

एस सोमनाथ ने आदित्य एल1 को लेकर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, भारत का पहला सौर मिशन आदित्य-एल1 जनवरी के मध्य तक लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) पर पहुंच जाएगा। वर्तमान में पृथ्वी से L1 बिंदु तक यात्रा करने में करीब 110 दिन लगते हैं। इसलिए जनवरी के मध्य तक यह L1 बिंदु तक पहुंच जाएगा। फिर उस बिंदु पर हम लैग्रेंज बिंदु में सम्मिलन करेंगे, इसे हेलो कक्षा कहा जाता है। यह एक बड़ी कक्षा है। इसलिए यह जनवरी के मध्य तक होगा।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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