Aditya-L1 को लेकर ISRO चीफ एस सोमनाथ ने दिया बड़ा अपडेट, लैग्रेंज प्वाइंट 1 तक कब पहुंचेगा सूर्ययान

Aditya-L1 Update: भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख एस सोमनाथ ने भारत का पहला सौर मिशन आदित्य-एल1 को लेकर बड़ा अपडेट दिया। उन्होंने कहा कि जनवरी के मध्य तक लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) पर पहुंच जाएगा।

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Aditya-L1 को लेकर इसरो चीफ ने दिया बड़ा अपडेट

Aditya-L1 Update: भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि भारत का पहला सौर मिशन आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान जनवरी के मध्य तक लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) पर पहुंच जाएगा। वर्तमान में पृथ्वी से L1 बिंदु तक यात्रा करने में करीब 110 दिन लगते हैं। इसलिए जनवरी के मध्य तक यह L1 बिंदु तक पहुंच जाएगा। फिर उस बिंदु पर हम लैग्रेंज बिंदु में सम्मिलन करेंगे। इसे हेलो कक्षा कहा जाता है। यह एक बड़ी कक्षा है। इसलिए यह जनवरी के मध्य तक होगा।

गौरतलब है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इसरो ने 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से देश का पहला सौर मिशन - आदित्य-एल1 लॉन्च किया था। सूर्य का विस्तृत अध्ययन करने के लिए विभिन्न पेलोड जिनमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और अन्य तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे।

आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन पॉइंट 1 (या एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। जो सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर है। चार महीने के समय में यह दूरी तय करने की उम्मीद है। आदित्य-एल1 पृथ्वी से करीब 1.5 मिलियन किमी दूर सूर्य की ओर निर्देशित रहेगा। जो पृथ्वी-सूर्य की दूरी का करीब 1 प्रतिशत है। सूर्य गैस का एक विशाल गोला है और आदित्य-एल1 सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगा। इसरो ने कहा था कि आदित्य-एल1 न तो सूर्य पर उतरेगा और न ही सूर्य के करीब आएगा।

इसके अलावा इसरो प्रमुख ने 'गगनयान' मिशन के बारे में भी बताया। परीक्षण वाहन-डी1 मिशन 21 अक्टूबर के लिए निर्धारित है। यह गगनयान कार्यक्रम है। गगनयान कार्यक्रम के लिए क्रू एस्केप सिस्टम का प्रदर्शन करते हुए परीक्षण की आवश्यकता है। क्रू एस्केप सिस्टम गगनयान में एक बहुत ही महत्वपूर्ण सिस्टम है। यदि रॉकेट को कुछ भी होता है तो आपको चालक दल को विस्फोटित रॉकेट से कम से कम दो किमी दूर ले जाकर बचाना होगा। इसलिए यह उड़ान परीक्षण एक स्थिति में चालक दल के भागने की प्रणाली को प्रदर्शित करने के लिए है। इसलिए जिस स्थिति का हम प्रदर्शन कर रहे हैं उसे ट्रांसोनिक स्थिति कहा जाता है।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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