ISRO Chief S Somnath ने सोमनाथ मंदिर में की पूजा, बताया- शंकर भगवान से क्या मांगा, देखें Video

ISRO Chief in Somnath Temple: ISRO चीफ एस. सोमनाथ ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर जाकर पूर्जा अर्चना की और भगवान सोमनाथ से इसरो के आगामी प्रोजेक्टों की सफलता के लिए आशीर्वाद मांगा।

ISRO Chief S Somnath Worshiped in Somnath Temple

एस.सोमनाथ ने बृहस्पतिवार को सोमनाथ मंदिर जाकर पूर्जा अर्चना की

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस.सोमनाथ (S Somnath) ने बृहस्पतिवार को गुजरात स्थित प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर जाकर पूर्जा अर्चना की एवं भविष्य में इसरो के अभियानों की सफलता के लिए आशीर्वाद मांगा, मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने मंदिर में 'सोमेश्वर महा पूजा' की और 'यज्ञ' में हिस्सा लिया।

Moon Mission: अब सिर्फ चमत्कार की उम्मीद! नहीं जाग पाए विक्रम और प्रज्ञान, बीतता जा रहा समय

गिर सोमनाथ जिले के वेरावल स्थित मंदिर परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने कहा, 'चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग हमारा सपना था और भगवान सोमनाथ (शिव) की कृपा से हम यह करने में सफल रहे। भगवान सोमनाथ के आशीर्वाद के बिना हमें सफलता नहीं मिलती। इसलिए मैं यहां आया हूं और मेरा नाम भी भगवान के नाम पर है।'

ISRO के भविष्य के अभियानों में सफलता के लिए आशीर्वाद मांगा

सोमनाथ ने कहा कि उन्होंने भगवान शिव से इसरो के भविष्य के अभियानों में सफलता के लिए आशीर्वाद मांगा।उन्होंने कहा, 'हमें अपने काम के लिए ताकत चाहिए। चंद्रमा पर लैंडिंग एक कार्य था। हमारे सामने कई और मिशन है जिसके लिए हमें ताकत की जरूरत है। इसलिए मैं यहां भगवान का आशीर्वाद लेने आया हूं।'

मंदिर में इसरो प्रमुख ने 'सोमेश्वर महा पूजा' की

श्री सोमनाथ ट्रस्ट के महाप्रबंधक विजयसिंह चावड़ा ने बताया कि मंदिर में इसरो प्रमुख ने 'सोमेश्वर महा पूजा' की। उन्होंने बताया, 'इसरो प्रमुख ने परिसर स्थित गणेश मंदिर में आयोजित 'यज्ञ' में भी हिस्सा लिया और उसके बाद वह चार किलोमीटर दूर स्थित भालका तीर्थ गए।' भालका तीर्थ के बारे में मान्यता है कि वहीं पर भगवान कृष्ण ने अपनी देह त्यागी थी।

'चंद्रयान 3' के रोवर 'प्रज्ञान' ने वह काम कर दिया है जो इससे अपेक्षित था

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के प्रमुख एस. सोमनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' के 'रोवर प्रज्ञान' ने वह काम कर दिया है जो इससे किये जाने की अपेक्षा की गई थी और यदि यह वर्तमान निष्क्रिय अवस्था (स्लीप मोड) से सक्रिय होने में विफल रहता है तो भी कोई समस्या नहीं होगी।वह गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ मंदिर दर्शन करने गये थे और इसके बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी अब एक्सपीओसैट या एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह प्रक्षेपण के लिए तैयारी कर रही है और यह प्रक्षेपण नवंबर या दिसंबर में किया जा सकता है।

चंद्रमा पर वर्तमान में 'प्रज्ञान' के सुप्तावस्था या निष्क्रिय अवस्था में होने की स्थिति पर इसरो प्रमुख ने कहा कि चंद्रमा पर तापमान शून्य से लगभग 200 डिग्री सेल्सियस नीचे जाने पर अत्यधिक प्रतिकूल मौसम के कारण इसके इलेक्ट्रॉनिक सर्किट यदि क्षतिग्रस्त नहीं हुए हैं, तो यह फिर से सक्रिय हो जायेगा, उन्होंने कहा, 'यदि यह सक्रिय नहीं हुआ तो भी ठीक है क्योंकि रोवर ने वह काम कर दिया है जो इससे करने की अपेक्षा की गई थी।'

लैंडर और रोवर दोनों निष्क्रिय अवस्था में चले गये थे

इसरो ने पिछले सप्ताह कहा था कि चंद्रमा पर सुबह होने के साथ ही 'चंद्रयान-3' के सौर ऊर्जा से संचालित लैंडर 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान' के साथ संपर्क स्थापित कर इन्हें फिर से सक्रिय करने का प्रयास कर रहा है ताकि वे वैज्ञानिक प्रयासों को जारी रख सकें।चंद्रमा पर रात होने से पहले, लैंडर और रोवर दोनों क्रमशः चार और दो सितंबर को निष्क्रिय अवस्था में चले गये थे।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited