गगनयान, चंद्रयान 4 पर इसरो प्रमुख का अपडेट, सोमनाथ ने बताया चांद से लौटना क्यों है जटिल
सोमनाथ ने शुक्रवार को कहा कि चंद्रयान-4 मिशन के लिए कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। ऐसे में अगले कुछ महीनों तक इस मिशन के बारे में नई-नई बातें सामने आती रहेंगी। अभी हमने इसकी तकनीकी पहलुओं पर काम पूरा कर लिया है। इसे भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इस मिशन के कई स्तर हैं और इन्हें भी कैबिनेट से मंजूरी ली जाएगी।



भारत के अंतरिक्ष मिशन पर बोलते एस सोमनाथ।
India Upcoming space mission : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ ने भारत के अंतरिक्ष मिशनों चंद्रयान-4 और गगनयान पर नई जानकारी दी है। सोमनाथ ने शुक्रवार को कहा कि चंद्रयान-4 मिशन के लिए कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। ऐसे में अगले कुछ महीनों तक इस मिशन के बारे में नई-नई बातें सामने आती रहेंगी। अभी हमने इसकी तकनीकी पहलुओं पर काम पूरा कर लिया है। इसे भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इस मिशन के कई स्तर हैं और इन्हें भी कैबिनेट से मंजूरी ली जाएगी।
सैटेलाइट का आकार करीब दोगुना होगा-सोमनाथ
सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-4 चंद्रमा पर जाएगा और वहां सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। मिशन पूरा करने के बाद इसे वापस धरती पर भी लौटना है। धरती पर लौटना एक अलग मिशन के बराबर है। चंद्रयान-3 केवल चंद्रमा पर गया था और वहां उसने सॉफ्ट लैंडिंग की लेकिन चंद्रयान-4 उपग्रह का आकार करीब दोगुना हो गया है। इसमें पांच मॉड्यूल भी हैं। ऐसे जटिल लॉन्चिंग की क्षमता हमारे पास नहीं है। इसे देखते हुए चंद्रयान-4 को हम दो बार में रवाना करेंगे। इस तरह से यह मिशन और जटिल हो जाता है। गगनयान मिशन के बारे में इसरो प्रमुख ने कहा कि यह मिशन लॉन्च होने के लिए तैयार है। हमारी कोशिश इस साल के अंत तक इसे लॉन्च कर देने की है।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने की दिशा में पहला कदम
इस बीच, अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के पूर्व निदेशक तपन मिश्रा ने कहा, 'इस मिशन के तहत हमें चंद्रमा पर लैंडर उतारना होगा और वहां से पत्थर और चंद्रमा की मिट्टी के नमूने सुरक्षित तरीके से वापस लाने में सक्षम होना होगा। यह चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने की दिशा में पहला कदम है। इससे चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष यात्री भेजने से भारत बहुत दूर नहीं होगा।'
चट्टान के नमूने लेकर आएगा चंद्रयान-4
चंद्रयान-4 चांद की सतह से 3-5 किलो मिट्टी और चट्टान के नमूनों को पृथ्वी पर लाएगा। इस स्पेसक्राफ्ट में पांच अलग-अलग मॉड्यूल होंगे। जबकि, 2023 में चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 में प्रोपल्शन मॉड्यूल (इंजन), लैंडर और रोवर तीन मॉड्यूल थे।
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