Chandrayaan 3 Landing: चंद्रयान-3 की कामयाबी पर देश को नाज, इसरो को दुनिया भर से मिल रहीं बधाइयां
Chandrayaan 3 Landing On Moon Live Updates, चंद्रमा पर चंद्रयान 3 लाइव अपडेट्स
चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर सफलतापूर्वक 'सॉफ्ट लैंडिंग' कर भारत के चंद्रयान-3 ने इतिहास रच दिया। बुधवार रात को ही रोवर प्रज्ञान लैंडर विक्रम से निकलकर काम पर लग गया। मिशन के सफल होने के तुरंत बाद इसरो ने बताया कि लैंडर और कर्नाटक के बेंगलुरू में एजेंसी के मिशन संचालन परिसर (एमओएक्स) के बीच संचार लिंक स्थापित हो गया, जबकि इसरो ने चंद्रमा की सतह पर उतरने के दौरान ‘लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे’ द्वारा ली गईं तस्वीरें भी जारी कीं। इस सफलता पर दुनिया भर से भारत को बधाइयां मिल रही हैं। ब्रिक्स सम्मेलन के लिए पीएम मोदी इस समय ब्राजील में हैं। वह 26 अगस्त को चंद्रयान-3 टीम के वैज्ञानिकों से मिलेंगे।
अरुणाचल के सीएम ने इसरो वैज्ञानिकों की सराहना की
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ईटानगर स्थित नॉर्थ ईस्ट रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनईआरआईएसटी) के दो पूर्व छात्रों को बधाई दी, जो भारत के सफल चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ का संचालन करने वाली इसरो टीम का हिस्सा रहे हैं। संस्थान के 1990 बैच के छात्र पंकजनाथ चंद्रयान-3 के ‘लैंडिंग प्रोपल्शन’ का डिजाइन तैयार करने वाली इसरो टीम के सदस्य हैं। एनईआरआईएसटी से इसी बैच के एक अन्य पूर्व छात्र सुब्रत चक्रवर्ती भी उस इसरो टीम के सदस्य हैं, जो अंतरिक्ष यान वाल्व को डिजाइन और विकसित करती है।इसरो के वैज्ञानिकों में कोई भी लखपति नहीं है
भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता से प्रसन्न भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों की पगार विकासित देशों के वैज्ञानिकों के वेतन का पांचवां हिस्सा है और शायद यही कारण है कि वे अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए किफायती तरीके तलाश सके। नायर ने अन्य देशों की तुलना में बेहद कम कीमत वाले साधनों के जरिए अंतरिक्ष में खोज के भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के इतिहास के बारे में ‘पीटीआई-भाषा’’ से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘ इसरो में वैज्ञानिकों, तकनीशियनों और अन्य कर्मियों को जो वेतन भत्ते मिलते हैं वे दुनिया भर में इस वर्ग के लोगों को मिलने वाले वेतन भत्तों का पांचवा हिस्सा है। इसका एक लाभ भी है।’’शिवकुमार बोले- गौरवान्वित महसूस कर रहा
चंद्रयान-3 की सफलता पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने गुरुवार को कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने जो इतिहास रचा है उसे देखकर वह बहुत खुश हैं। भारत ने अपने ज्ञान से दुनिया को परिचित कर दिया है। यह उपलब्धि हासिल कर हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। अगली पीढ़ी निश्चित रूप से इसे आगे लेकर जाएगी।Chandrayaan 3 Mission Live : उतरने के लिए चंद्रयान-3 ने समतल क्षेत्र को चुना
चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर ‘विक्रम’ ने चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए अपेक्षाकृत एक समतल क्षेत्र को चुना। उसके कैमरे से ली गयी तस्वीरों से यह पता चला है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि विक्रम के सफलतापूर्वक चंद्रमा पर पहुंचने के तुरंत बाद ‘लैंडिंग इमेजर कैमरा’ ने ये तस्वीरें कैद कीं। तस्वीरें चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल का एक हिस्सा दिखाती हैं। उसने कहा, ‘लैंडर का एक पैर और उसके साथ की परछाई भी दिखायी दी।’अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह पर अपेक्षाकृत एक समतल क्षेत्र को चुना।’ उसने यह भी बताया कि लैंडर और इसरो के यहां मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स) के बीच संचार भी स्थापित हुआ है। इसरो ने चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर उतरते वक्त ली गयी तस्वीरें भी जारी की हैं।चांद की सतह पर रोवर की चहलकदमी
चंद्रमा की सतह पर पहुंचे चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) से रोवर ‘प्रज्ञान’ बाहर निकल आया है। इस प्रकिया पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने कहा, ‘भारत ने चांद पर सैर की।’ अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर इसरो ने कहा कि ‘रोवर बाहर निकल आया है’। इसरो ने कहा, ‘चंद्रयान-3 रोवर : ‘मेड इन इंडिया - मेड फॉर मून’। चंद्रयान-3 का रोवर लैंडर से बाहर निकल आया है और भारत ने चांद की सैर की।’ आधिकारिक सूत्रों ने पहले ही लैंडर ‘विक्रम’ से रोवर ‘प्रज्ञान’ के सफलतापूर्वक बाहर निकलने की पुष्टि कर दी थी।Chandrayaan 3 Mission Live : राष्ट्रपति मुर्मू ने इसरो को दी बधाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लैंडर ‘विक्रम’ के अंदर से रोवर ‘प्रज्ञान’ को सफलापूर्वक बाहर निकालने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की टीम और देश के नागरिकों को बृहस्पतिवार को बधाई दी और कहा कि यह चंद्रयान-3 के एक और चरण की सफलता को दर्शाता है। मुर्मू ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर कहा, ‘मैं अपने देशवासियों और वैज्ञानिकों के साथ पूरे उत्साह से उस जानकारी और विश्लेषण की प्रतीक्षा कर रही हूं जो प्रज्ञान हासिल करेगा और चंद्रमा के बारे में हमारे ज्ञान को समृद्ध करेगा।’Chandrayaan 3 Mission Updates: स्मृति ने चंद्रयान-3 की सफलता के लिए बधाई दी
केंद्रीय मंत्री और अमेठी की भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने अपने संसदीय क्षेत्र से इसरो में काम कर रहे दो व्यक्तियों की तस्वीरें साझा कर चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए उन्हें बधाई दी। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर लिखा , ‘अमेठी के लड़के पीछे नहीं हैं.. इसरो में 2017 से काम कर रहे हर्षित बरनवाल ने मिशन चंद्रयान 3 के लिए ‘साइंटिस्ट क्वालिटी इंजीनियर’ के तौर पर लैंडर टेस्टिंग टीम में योगदान दिया है। हमें हर्षित पर गर्व है।’ एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा,‘अमेठी से इसरो में सेवा दे रही श्वेता बरनवाल... हमें उनकी उपलब्धियों पर गर्व है।’ मंत्री ने अपनी पोस्ट में हर्षित और श्वेता की तस्वीरें भी साझा की।चंद्रयान-3 : चंद्रमा की सतह पर 14 दिवसीय कार्य शुरू करेगा रोवर
चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अब रोवर मॉड्यूल इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए 14 दिवसीय कार्य शुरू करेगा। उसके विभिन्न कार्यों में चंद्रमा की सतह के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए वहां प्रयोग करना भी शामिल है। ‘विक्रम’ लैंडर के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर अपना काम पूरा करने के बाद अब रोवर ‘प्रज्ञान’ के चंद्रमा की सतह पर कई प्रयोग करने के लिए लैंडर मॉड्यूल से बाहर निकलने की संभावना है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, लैंडर और रोवर में पांच वैज्ञानिक उपक्रम (पेलोड) हैं जिन्हें लैंडर मॉड्यूल के भीतर रखा गया है। इसरो ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए रोवर की तैनाती चंद्र अभियानों में नयी ऊंचाइयां हासिल करेगी। लैंडर और रोवर दोनों का जीवन काल एक-एक चंद्र दिवस है जो पृथ्वी के 14 दिन के समान है।Chandrayaan 3: यूं लैंडर विक्रम से बाहर आया रोवर प्रज्ञान
Chandrayaan 3:...तो इस जगह हुई लैंडिंग
चंद्रयान-3: चंद्रमा पर उतरने के लिए अमेरिका और यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसियों ने इसरो को बधाई दी
अमेरिका और यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसियों ने बुधवार को चंद्रमा पर चंद्र मिशन की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बनने पर भारत को बधाई दी और इसरो की इस उपलब्धि को अंतरिक्ष इतिहास में एक "अतुल्य" क्षण करार दिया। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान उतारने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इससे कुछ दिन पहले रूस का मानवरहित लूना-25 अंतरिक्ष यान अनियंत्रित होकर चंद्रमा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग के लिए इसरो को बधाई! चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान की सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बनने पर भारत को बधाई। हमें इस मिशन में आपका भागीदार बनकर खुशी हो रही है।”भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर दुनियाभर में खुशी की लहर
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारने की भारत की सफलता पर दुनियाभर में रहने वाले भारतीय प्रवासियों सहित विभिन्न लोगों ने खुशी जतायी है। भारत का चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 बुधवार शाम 6 बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला पहला देश बन गया। यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष और सीईओ मुकेश अघी ने कहा कि यह भारत के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा, “यह दर्शाता है कि भारत एक उभरती हुई वैज्ञानिक ताकत है जो दुनियाभर के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह गर्व का एक क्षण है जिसे हमें संजोने की जरूरत है। दुनिया युद्ध, गरीबी, जलवायु परिवर्तन और भूख से जूझ रही है, ऐसे में भारत इन मानव निर्मित चुनौतियों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”चंद्रयान-3 की सफलता गर्व का क्षण : प्रकाश राज
सोशल मीडिया पर चंद्रयान-3 मिशन के बारे में टिप्पणी को लेकर आलोचना का सामना करने वाले अभिनेता प्रकाश राज ने बुधवार को चंद्रयान-3 की सफल 'लैंडिंग' के बाद इतिहास रचने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई देते हुए इसे गर्व का क्षण करार दिया। अभिनेता प्रकाश राज को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर किए गए एक पोस्ट के लिए सोमवार को आलोचना का सामना करना पड़ा था, जिसे कई लोगों ने भारत के चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ के मखौल के तौर पर लिया। हालांकि, प्रकाश राज ने एक अन्य पोस्ट में आलोचकों का जवाब देते हुए कहा कि ‘‘नफरत केवल नफरत देखती है’ और वह एक पुराने परिहास का संदर्भ दे रहे थे। प्रकाश राज (58) ने ‘एक्स’ पर अपने ताजा पोस्ट में कहा कि चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल 'लैंडिंग' मानव जाति के लिए उत्सव का एक क्षण है। प्रकाश राज ने कन्नड़ भाषा में की गई अपनी पोस्ट में कहा, ‘‘ भारत, मानव जाति के लिए यह गर्व का क्षण है। इसरो को धन्यवाद, चंद्रयान-3, विक्रम लैंडर......इसके अलावा उन सभी लोगों को विशेष रूप से धन्यवाद, जिन्होंने इसे संभव बनाया। आइए इसे दुनिया के और अधिक आश्चर्यों का पता लगाने का तरीका बनाएं। आइए, उत्सव मनाएं।’’चंद्रयान-3 की कामयाबी से रक्षा एवं वैमानिकी क्षेत्र के शेयरों ने भरी रफ्तार
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारतीय अंतरिक्ष यान चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की उम्मीद में विमान प्रौद्योगिकी और रक्षा क्षेत्र से संबंधित कंपनियों के शेयरों के प्रति बुधवार को निवेशकों का खासा रुझान देखा गया। चंद्रयान-3 का लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिग’ करने में सफल रहा। भारत ऐसी उपलब्धि पाने वाला पहला देश है। बुधवार को चंद्रयान मिशन को लेकर शेयर बाजार में भी गहमागहमी देखी गई और विमान, अंतरिक्ष एवं रक्षा क्षेत्र से संबंधित कंपनियों के प्रति निवेशकों का उत्साह देखने को मिला। इनमें चंद्रयान-3 अभियान में 200 से भी अधिक कलपुर्जों की आपूर्ति करने वाली कंपनी सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स भी शामिल है। बीएसई पर सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स का शेयर 14.91 प्रतिशत तक उछल गया जबकि पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के शेयर में 5.47 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।चंद्रयान-3 के लैंडर और एमओएक्स के बीच संचार लिंक स्थापित: इसरो
चंद्रयान-3 मिशन के सफल होने के तुरंत बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि लैंडर और यहां स्थित अंतरिक्ष एजेंसी के मिशन संचालन परिसर (एमओएक्स) के बीच संचार लिंक स्थापित हो गया है। एमओएक्स इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) में स्थित है। इसरो ने चंद्रमा की सतह पर उतरने के दौरान ‘लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे’ द्वारा ली गईं तस्वीरें भी जारी कीं। चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने आज चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की।चांद के साउथ पोल से विक्रम ने भेजी ताजा तस्वीरें
इसरो ने चंद्रमा पर उतरते समय चंद्रयान-3 के लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे द्वारा ली गई चंद्रमा की तस्वीरें जारी कीं। इसरो का कहना है कि Ch-3 लैंडर और MOX-ISTRAC, बेंगलुरु के बीच संचार लिंक स्थापित हो गया है।ISRO नेतृत्व-वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का है नतीजा है चंद्रयान-3 की सफलता- सोमनाथ
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने बुधवार को कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता इसरो नेतृत्व और वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का नतीजा है। उन्होंने कहा कि यह सफलता ‘बहुत बड़ी’ और ‘प्रोत्साहित करने वाली’ है। प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी भी दक्षिण अफ्रीका से ऑनलाइन माध्यम से इस जटिल मिशन के मुकाम तक पहुंचने के गवाह बनने के लिए जुड़े थे और उन्होंने भी वैज्ञानिकों की कोशिश की प्रशंसा की। मिशन परिचालन परिसर में इसरो टीम को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने कहा, ‘‘ माननीय प्रधानमंत्री ने मुझे फोन कॉल किया और अपनी शुभकामनाएं आप सभी को और आपके परिवारों को इसरो में किए गए आपके शानदार कार्य के लिए दी हैं। चंद्रयान-3 और ऐसे अन्य मिशन में सहयोग देने के लिए मैं उनको धन्यवाद ज्ञापित करता हूं। राष्ट्र के लिए हम जो प्रेरणादायक कार्य कर रहे हैं, उसे आगे बढ़ाने के लिए हमें प्रशंसा मिल रही है।’’चंद्रयान-3 मिशन के दौरान इसरो के सोशल मीडिया पोस्ट ने लोगों के दिल जीते
चंद्रयान-3 का 14 जुलाई को प्रक्षेपण किए जाने से लेकर आज चंद्रमा की सतह पर इसकी सॉफ्ट लैंडिंग तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अनूठी पहल करते हुए अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर इसके अहम दृश्यों का प्रसारण किया जिससे लाखों लोग ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। चंद्रयान-3 की आज शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग पर इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘‘चंद्रयान-3 मिशन : भारत, मैं अपने गंतव्य पर पहुंच गया हूं और आप भी।’’ इसी तरह इस पूरे अभियान के दौरान इसरो के सोशल मीडिया हैंडल से भारत के महात्वाकांक्षी चंद्र मिशन की जानकारी देते हुए बीच-बीच में हल्के-फुल्के अंदाज में पोस्ट किये जाते रहे जिसमें ‘‘स्वागत है दोस्त’’ और ‘‘सफर के लिए शुक्रिया, दोस्त’’ शामिल हैं, ताकि आम जन तकनीकी शब्दावली में फंसे बगैर साधारण शब्दों में इससे जुड़ सकें।Chandrayaan 3: अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की यह नयी इबारत
इसरो के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्रमा मिशन ‘‘चंद्रयान-3’’ के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) ने बुधवार शाम चंद्रमा की सतह को चूम कर अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की एक नयी इबारत रची। वैज्ञानिकों के अनुसार इस अभियान के अंतिम चरण में सारी प्रक्रियाएं पूर्व निर्धारित योजनाओं के अनुरूप ठीक से चली। यह एक ऐसी सफलता है जिसे न केवल इसरो के शीर्ष वैज्ञानिक बल्कि भारत का हर आम और खास आदमी टीवी की स्क्रीन पर टकटकी बांधे देख रहा था।Chandrayaan 3: चंद्रमा पर लैंडिंग का पल अविस्मरणीय, विकसित भारत के शंखनाद का क्षण- मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम की साफ्ट लैंडिग में सफलता के लिए देशवासियों, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और वैज्ञानिक समुदाय को बधाई दी और कहा कि यह पल ‘अविस्मरणीय, अभूतपूर्व’ और ‘‘विकसित भारत के शंखनाद’’ का है। इसरो ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम की साफ्ट लैंडिग कराने में सफलता हासिल की। भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश तथा चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करने वाले चार देशों में शामिल हो गया है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो जीवन धन्य हो जाता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्रीय जीवन की चिरंजीव चेतना बन जाती है।’’Chandrayaan 3 मिशन के सफल होने पर क्या बोले कांग्रेस चीफ?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से इस मिशन के सफल होने के बाद कहा गया कि चंद्रयान-3 की सफलता प्रत्येक भारतीय की सामूहिक सफलता है।राजस्थान के सैंड आर्टिस्ट ने यूं आर्ट बनाकर Chandrayaan 3 की लैंडिंग पर मनाया जश्न
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