गगनयान मिशन: एस्ट्रोनॉट्स की सुरक्षित वापसी के लिए इसरो का प्लान, चिह्नित किए 48 बैकअप प्वाइंट

बता दें कि पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन के लिए भारतीय वायु सेना द्वारा नामित चार अंतरिक्ष यात्रियों को पेश किया था।

इसरो का गगनयान मिशन

Gaganyaan Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने पहले मानव मिशन गगनयान मिशन की तैयारियों में लगा है। इसी के तहत उसने दुनिया भर में 48 बैकअप बिंदुओं की पहचान की है, जहां गगनयान दल वापसी मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी और बचाव होगा। अधिकारियों के मुताबिक, एक आदर्श स्थिति में गगनयान मॉड्यूल को अरब सागर में उतरने के लिए चिह्नित किया गया है, जहां भारतीय एजेंसियां चालक दल और मॉड्यूल को बचाने के लिए तैनात रहेंगी। हालांकि, मुख्य योजना में कोई भी दिक्कत होने पर इसरो ने समुद्र में 48 बैकअप साइटों की पहचान की है।

भारतीय जल सीमा में उतारने की कोशिश

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मिशन से जुड़े इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, किसी भी मिशन में एक आदर्श परिदृश्य होता है और यदि वह हासिल नहीं होता है तो बैकअप योजनाएं होती हैं। गगनयान मिशन के लिए, अगर सब कुछ सही रहा तो हम मॉड्यूल को भारतीय जल सीमा में उतारने में सक्षम होंगे। लेकिन चूंकि यह एक मानव अंतरिक्ष उड़ान है, हम चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई जोखिम नहीं उठा सकते हैं और इसलिए हमने संभावित बिंदुओं को चिह्नित किया है जहां कैप्सूल उतर सकता है। यहां तक कि मिशन में मामूली बदलाव से भी कैप्सूल सैकड़ों किलोमीटर दूर उतर सकता है।

अंतरिक्ष में तीन दिवसीय मिशन

गगनयान मिशन, भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना है जिसका उद्देश्य चार सदस्यों के एक दल को तीन दिवसीय मिशन के लिए 400 किमी की कक्षा में लॉन्च करके और उन्हें सुरक्षित वापस लाकर इसरो की मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करना है। अधिकारी ने यह भी कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने शुरुआत में भारतीय जल क्षेत्र में दो लैंडिंग स्थानों को अंतिम रूप दिया था, एक अरब सागर में और दूसरा बंगाल की खाड़ी में। हालांकि, बंगाल की खाड़ी के अशांत पानी और अप्रत्याशितता को देखते हुए, अरब सागर में लैंडिंग साइट को अंतिम रूप दिया गया।

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