अंतरिक्ष में इसरो की एक और लंबी छलांग, नौवहन उपग्रह NVS-01 लॉन्च किया

Satellite NVS-01 launched : अंतरिक्ष में उपग्रह भेजने के मामले में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को एक नई उड़ान भरी। इसरो के वैज्ञानिकों ने ओडिशा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के जरिए एक नौवहन उपग्रह NVS-01 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इसे अंतरिक्ष में भेजने के लिए सैटेलाइट की उल्टी गिनती रविवार सुबह 7.12 बजे शुरू हो गई।

नौवहन उपग्रह की लॉन्चिंग।

Satellite NVS-01 launched : अंतरिक्ष में उपग्रह भेजने के मामले में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को एक नई उड़ान भरी। इसरो के वैज्ञानिकों ने ओडिशा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के जरिए एक नौवहन उपग्रह NVS-01 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इसे अंतरिक्ष में भेजने के लिए सैटेलाइट की उल्टी गिनती रविवार सुबह 7.12 बजे शुरू हो गई।

इसरो का यह परीक्षण खास है

51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी अपनी 15वीं उड़ान में 2,232 किलोग्राम वजनी एनवीएस-01 नौवहन उपग्रह को लेकर रवाना हुआ। प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद यह रॉकेट लगभग 251 किमी की ऊंचाई पर भू-स्थिर स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में उपग्रह को स्थापित करेगा। एनवीएस-01 अपने साथ एल1, एल5 और एस बैंड उपकरण लेकर गया है। इसरो का यह परीक्षण खास है। अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि यह पहली बार है जब स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी का सोमवार के प्रक्षेपण में इस्तेमाल किया गया है।

NavlC सीरिज की है यह उड़ान

इसरो की यह NavlC सीरिज की उड़ान है। यह उपग्रह देश की नौवहन क्षमताओं में वृद्धि करेगा। इससे नागरिक उड्डयन क्षेत्र में नौवहन प्रणाली और सटीक होगी। अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, वैज्ञानिक पहले तारीख और स्थान का निर्धारण करने के लिए आयातित रूबिडियम परमाणु घड़ियों का इस्तेमाल करते थे।

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