इसरो ने पार की पहली चुनौती... गगनयान मिशन में अब आगे क्या? आसान शब्दों में समझिए ISRO की पूरी प्लानिंग

Gaganyaan: इसरो ने अपने गगनयान मिशन के तहत टेस्ट व्हीकल क्रू मॉड्यूल (टीवी-डी1) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। इस मिशन के तहत इसरो इंसानों को अंतरिक्ष में कब भेजेगा? अभी और कितनी परीक्षण उड़ानें लॉन्च की जाएंगी? मिशन के तहत कोई समस्या होने पर अंतरिक्ष यात्रियों को कैसे बचाया जाएगा? ऐसे सभी सवालों के जवाब आगे पढ़िए...

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गगनयान मिशन

ISRO launches Gaganyaan Test Flight Abort Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज (शनिवार) स्पेस में इंसानों को भेजने की दिशा में बड़ी छलांग लगा दी है। इसरो ने अपने गगनयान मिशन के तहत टेस्ट व्हीकल क्रू मॉड्यूल (टीवी-डी1) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। हालांकि, परीक्षण से ठीक पहले तकनीकी खराबी के कारण इस मिशन को कुछ देर के लिए रोका गया। कुछ देर बाद इसरो चीफ ने सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की घोषणा कर दी।

इसरो प्रमुख एस.सोमनाथ ने कहा, मुझे गगनयान टीवी-डी1 मिशन की सफलता की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है। हालांकि, इस लॉन्चिंग के बाद भी लोगों के मन में कई सवाल हैं। लोग जानना चाहते हैं कि इस मिशन के तहत इसरो इंसानों को अंतरिक्ष में कब भेजेगा? अभी और कितनी परीक्षण उड़ानें लॉन्च की जाएंगी? मिशन के तहत कोई समस्या होने पर अंतरिक्ष यात्रियों को कैसे बचाया जाएगा? ऐसे सभी सवालों के जवाब आगे पढ़िए...

पहले गगनयान मिशन को समझिए

गगनयान मिशन के तहत इसरो 3 दिनों के लिए 3 अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा। मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की 400 किमी की कक्षा में भेजकर वापस भारतीय समुद्री जल में सुरक्षित उतारकर मानव अंतरिक्ष उड़ान की क्षमता का प्रदर्शन करना है। अगर भारत इसमें कामयाब रहता है तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला यह चौथा देश बन जाएगा। भारतीय वायु सेना के पायलटों को एस्ट्रोनॉट बनाकर HLVM3 रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। गगनयान फर्स्ट फ्लाइट मिशन पूरी तरह से मानव रहित होगा। उसके बाद दूसरे मिशन में महिला रोबोट व्योममित्रा को भेजा जाएगा। तीसरे मिशन में इंसानों को भेजा जाएगा। यह तीसरा मिशन 2023 के अंत या फिर 2024 में भेजा जाएगा।

आज क्या हुआ?

इसरो ने गगनयान मिशन के तहत टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन TV-D1 को लॉन्च किया है। इस परीक्षण का उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है। अगर उड़ान के दौरान कोई गड़बड़ी होती है, तो ऐसे ही परीक्षणों के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को रॉकेट से अलग किया जाएगा और उन्हें वापस पृथ्वी पर लाया जाएगा। जिस फ्लाइट को लॉन्च किया गया है, उसके तीन हिस्से हैं। पहला- सिंग स्टेज लिक्विड रॉकेट, दूसरा- क्रू मॉड्यूल और तीसरा- क्रू एस्केप सिस्टम।

अब आगे क्या होगा?

इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया है कि इसरो अभी करीब चार टेस्ट फ्लाइट को लॉन्च करेगा। इनका उद्देश्य पूरी तरह से यह पुख्ता करना है कि गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की जान को कोई खतरा न हो। ऐसे में आज टेस्ट वीइकल अबॉर्ट मिशन TV-D1 को लॉन्च किया गया है। आगे TV-D2, TV-D3, TV-D4 को भेजा जाएगा। ये परीक्षण जनवरी तक किए जाने हैं।

क्रू मॉड्यूल क्या है?

क्रू मॉड्यूल ही गगनयान है। यह एक प्रेशराइज्ड केबिन होगा, जिसमें एस्ट्रोनॉट बैठेंगे। इस केबिन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि अंतरिक्ष यात्रा के दौरान बाहरी वायुमंडल या स्पेस का असर अंतरिक्ष यात्रियों पर न पड़े। इस केबिन के अंदर फूड हीटर, फूड स्टोरेज, टॉयलेट जैसी चीजें होंगी।

क्रू एस्केप सिस्टम क्या है?

असल में क्रू एस्केप सिस्टम ही उड़ान के दौरान गड़बड़ी होने पर अंतरिक्ष यात्रियों को बचाकर वापस धरती पर लाएगा। यह सिस्टम रॉकेट में विस्फोट होने पर क्रू मॉड्यूल को लॉन्च व्हीकल से करीब 2 किलोमीटर दूर खींच लेगा और फिर उन्हें लॉन्च सेंटर से 14 किमी दूर समुद्र में उतारेगा, जिसके बाद भारतीय वायु सेना उन्हें वापस लाने का काम करेगी। इस सिस्टम में चार बूस्टर मोटर लगे होते हैं, जो क्रू मॉड्यूल के रॉकेट से अलग होते हैं।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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