इसरो ने भरी कामयाबी की एक और उड़ान, श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ XPoSat, सुलझाएगा स्पेस के रहस्य
PoSat Launching : यह खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है। PSLV-C58 ExPoSat सबसे चमकीलों तारों पर नजर रखेगा। इस मिशन का जीवनकाल करीब पांच वर्ष का होगा।
ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाएगा एक्पोसैट।
XPoSat Launching : अपनी ऐतिहासिक कामयाबी से साल 2023 को अपने नाम करने वाला भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) नए साल 2024 के पहले दिन शानदार आगाज किया। आंध्र प्रदेश के हरिकोटा स्थित लॉन्च पैड से PSLV-C58 ExPoSat उपग्रह की सफल लॉन्चिंग हुई। इसरो का यह उपग्रह अपने मिशन के दौरान ब्लैकहोल और तारों का अध्ययन करेगा। ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने के लिए यह इसरो का इस तरह का पहला मिशन है। यह उपग्रह सबसे चमकीलों तारों पर नजर रखेगा। इस मिशन का जीवनकाल करीब पांच वर्ष का होगा।
अपने साथ 10 अन्य उपग्रह लेकर गया
अक्टूबर में गगनयान परीक्षण यान ‘डी1 मिशन’ की सफलता के बाद यह प्रक्षेपण हुआ है। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी58 रॉकेट अपने 60वें अभियान पर प्रमुख पेलोड ‘एक्सपोसैट’ और 10 अन्य उपग्रह लेकर गया है जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा। चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर पूर्व में स्थित अंतरिक्ष केंद्र से नए साल के पहले दिन सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर होने वाले प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती रविवार को शुरू हुई।
तारों की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययनइसरो सूत्रों ने कहा, ‘पीएसएलवी-सी58 के लिए आज सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर उलटी गिनती शुरू हुई।’ एक्स-रे पोलरिमीटर सैटेलाइट’ (एक्सपोसैट) एक्स-रे स्रोत के रहस्यों का पता लगाने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा। इसरो के अनुसार, यह खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है।
एक्सपोसैक्ट मिशन एक अहम भूमिका निभाएगाभारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अलावा अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोट के अवशेषों, ब्लैक होल से निकलने वाली कणों की धाराओं और अन्य खगोलीय घटनाओं का ऐसा ही अध्ययन किया था। इसरो ने कहा कि एक्स-रे ध्रुवीकरण का अंतरिक्ष आधारित अध्ययन अंतरराष्ट्रीय रूप से महत्वपूर्ण हो रहा है और इस संदर्भ में एक्सपोसैक्ट मिशन एक अहम भूमिका निभाएगा।
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