खामोश हुई चंद्रयान-3 के काउंटडाउन को आवाज देने वाली आवाज, इसरो वैज्ञानिक वलारमथी का निधन
Isro scientist Valarmathi Dies : इसरो की वैज्ञानिक वलारमथी ने पिछली बार चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए हुए काउंटडाउन को अपनी आवाज दी थी। भारत के तीसरे चंद्रमिशन चंद्रयान-3 को गत 14 जुलाई को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना किया गया।
रॉकेट लॉन्चिंग के काउंटडाउन को देती थीं आवाज। तस्वीर-@DrPVVenkitakri1
Isro scientist Valarmathi Dies : श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में रॉकेट लॉन्चिंग के काउंटडाउन को आवाज देने वाली भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की वैज्ञानिक वलारमथी का निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने की वजह से इस वैज्ञानिक की मौत हुई। वलारमथी ने पिछली बार चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए हुए काउंटडाउन को अपनी आवाज दी थी। भारत के तीसरे चंद्रमिशन चंद्रयान-3 को गत 14 जुलाई को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना किया गया।
गत 23 जुलाई को चंद्रमा पर उतरा चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 ने गत 23 जुलाई को चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से के करीब सफलतापूर्वक 'सॉफ्ट लैंडिंग' की। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह पर यान उतारने वाले भारत दुनिया का चौथा और इसके दक्षिणी हिस्से पर उतरने वाला पहला देश बन गया है। चंद्रमा की सतह पर रोवर प्रज्ञान ने अपनी जांच में बड़े खुलासे किए हैं। चंद्रमा पर ऑक्सीजन, सल्फर, आयरन, कैल्शियम, एल्यूमीनियम, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैग्नीशियम और सिलिकॉन तत्वों की मौजूदगी का पता लगाया है। चंद्रमा पर रोवर ने हाइड्रोजन खोजने का भी प्रयास किया है।
स्लीप मोड में चला गया रोवर
इसरो ने रविवार को कहा कि चंद्रयान-3 के रोवर 'प्रज्ञान' ने चंद्रमा की सतह पर अपना काम पूरा कर लिया है और अब यह निष्क्रिय (स्लीप मोड) अवस्था में चला गया है। इससे कुछ घंटे पहले, इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें ‘निष्क्रिय’किया जाएगा।
22 सिंतबर को फिर सक्रिय होगा रोवर
इसरो ने ‘एक्स’पर एक पोस्ट में कहा, ‘रोवर ने अपना कार्य पूरा कर लिया है। इसे अब सुरक्षित रूप से 'पार्क' (खड़ा) किया गया है और निष्क्रिय (स्लीप मोड) अवस्था में सेट किया गया है। एपीएक्सएस और एलआईबीएस 'पेलोड' बंद हैं। इन पेलोड से आंकड़े लैंडर के माध्यम से पृथ्वी पर प्रेषित किए जाते हैं।’वर्तमान में रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है और उसका सौर पैनल 22 सितंबर, 2023 को चंद्रमा पर अपेक्षित अगले सूर्योदय पर प्रकाश प्राप्त करने के लिए उन्मुख है।
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