महिलाओं को अंतरिक्ष में भेजेगा इसरो, सोमनाथ ने बताया 'गगनयान मिशन' का सॉलिड प्लान
Gaganyaan Mission: इसरो चीफ एस.सोमनाथ ने बताया कि आने वाले समय में अंतरिक्ष एजेंसी अपनी बहुप्रतीक्षित मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम 'गगनयान' के लिए महिलाओं को तरजीह देगा। उन्होंने कहा, वायु सेना की लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिला पायलटों और महिला वैज्ञानिकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
गगनयान मिशन
Gaganyaan Mission: चंद्रयान और सूर्ययान के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) गगनयान की तैयारी कर रहा है। इस मिशन के पहले फ्लाइट टेस्ट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा चुका है। जनवरी तक इसरो ऐसे तीन और परीक्षण करेगा और इसके बाद भारत पहली बार इंसानों को अंतरिक्ष में भेजेगा। इसरो की यह अंतरिक्ष यात्रा तीन दिन की होगी और इसके बाद भारत ऐसा करने वाला चौथ देश बन जाएगा।
हालांकि, इसरो की योजना बड़ी है और इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने इसको लेकर एक और बड़ा खुलासा किया है। इसरो चीफ ने बताया कि आने वाले समय में अंतरिक्ष एजेंसी अपनी बहुप्रतीक्षित मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम 'गगनयान' के लिए महिलाओं को तरजीह देगा। उन्होंने कहा, वायु सेना की लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिला पायलटों और महिला वैज्ञानिकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
महिला अंतरिक्ष यात्रियों की खोज कर रहा इसरो
गगनयान जैसे मानव मिशन में महलाओं की भूमिका पर पूछे गए सवाल के जवाब में इसरो प्रमुख ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन हमें भविष्य में ऐसी महिलाओं का पता लगाना होगा। उन्होंने किहा, मानवयुक्त मिशन के 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है। यह एक छोटी अवधि का मिशन होगा और इसके लिए शुरुआती तौर पर वायु सेना के फाइटर पायलटों की टेस्टिंग की जाएगी। उन्होंने कहा, अभी हमारे पास परीक्षण के लिए महिला लड़ाकू पायलट नहीं हैं, लेकिन एक बार जब वे आ जाएंगी तो यह नया रास्ता होगा।
2035 तक इसरो बनाएगा अपना अंतरिक्ष स्टेशन
इसरो प्रमुख ने कहा, हमारा लक्ष्य 2035 तक पूरी तरह से परिचालन क्षमता वाला अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना है। बता दें, अभी अंतरिक्ष में सिर्फ दो अंतरिक्ष स्टेशन हैं। पहला नासा का अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन और दूसरा चीन का स्पेस स्टेशन। इसरो ने बीते शनिवार को गगनयान मिशन के पहले टीवी-डी2 परीक्षण वाहन की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की थी। उड़ान भरने से 5 सेकेंड पहले तकनीकी खराबी के कारण इस टेस्टिंग को रोका गया था। हालांकि, 2 घंटे के बाद इसरो ने गड़बड़ी को दूर करके परीक्षण वाहन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया और उसे धरती पर वापस लाए थे।
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