ISRO ने पृथ्वी की निगरानी करने वाले उपग्रह EOS-08 को किया लॉन्च, श्रीहरिकोटा से सैटेलाइट ने भरा उड़ान; देखें Video

ISRO EOS-08 Mission: पृथ्वी की निगरानी के लिए EOS-08 उपग्रह को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार सुबह लांच किया गया। एसएसएलवी डी3 के प्रक्षेपण से पहले गुरुवार को इसरो के वैज्ञानियों ने तिरुपति बालाजी मंदिर में पूजा-अर्चना की थी।

उपग्रह EOS-08 आज होगा लॉन्च

मुख्य बातें
  • EOS-08 उपग्रह के प्रक्षेपण से पहले वैज्ञानियों ने तिरुपति बालाजी मंदिर में की पूजा-अर्चना
  • SSLV-D3 रॉकेट से लॉन्च किया गया EOS-08 सेटेलाइट
  • उपग्रह दुनिया में आने वाली आपदाओं का करेगा अवलोकन

ISRO EOS-08 Mission: पृथ्वी की निगरानी के लिए EOS-08 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार सुबह लांच किया गया। SSLV-D3 के प्रक्षेपण से पहले गुरुवार को इसरो के वैज्ञानियों ने तिरुपति बालाजी मंदिर में पूजा-अर्चना की। बता दें, SSLV-D3 रॉकेट 34 मीटर लंबा है। इसका उपयोग 500 किलोग्राम तक वजन वाले उपग्रहों (मिनी, माइक्रो या नैनो उपग्रह) को स्थापित करने के लिए किया जाता है। ईओएस-08 उपग्रह का वजन 175.5 किलोग्राम है। ईओएस-08 मिशन के उद्देश्यों में माइक्रोसेटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना शामिल है। ईओएस-08 तीन पेलोड ले जाएगा। इनमें इलेक्ट्रो आप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (EOIR), ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (GNSS-R) और सीआइसी यूवी डोसीमीटर शामिल हैं।

मिशन का उद्देश्य दुनिया में आने वाली आपदाओं का अवलोकन करना है

बता दें, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए बताया था कि SSLV की तीसरी विकासात्मक उड़ान का प्रक्षेपण 16 अगस्त 2024 को 09:17 बजे शुरू होने वाली एक घंटे की लॉन्च विंडो में निर्धारित है। मिशन बेहद खास है। इसका उद्देश्य देश और दुनिया में आने वाली आपदाओं का अवलोकन करने के साथ ही अलर्ट देना है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि EOS-08 मिशन के प्राथमिक उद्देश्यों में एक माइक्रोसैटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना, माइक्रोसैटेलाइट बस के साथ संगत पेलोड उपकरण बनाना और भविष्य के परिचालन उपग्रहों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को शामिल करना है।

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