अर्थ ऑब्जर्वेशन उपग्रह को कल लॉन्च करेगा इसरो, आज रात में ही शुरू हो जाएगी उल्टी गिनती

इसरो ने कहा कि ईओएस-08 मिशन के प्राथमिक उद्देश्यों में माइक्रो सैटेलाइट को डिजाइन करना और विकसित करना शामिल है। साथ ही माइक्रो सैटेलाइट बस के साथ अनुरूप पेलोड उपकरण बनाना और भविष्य के परिचालन उपग्रहों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को शामिल करना भी शामिल है।

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ईओएस-8 की लॉन्चिंग के लिए आज रात शुरू होगी उल्टी गिनती

मुख्य बातें
  • प्रक्षेपण यान शुक्रवार सुबह 9 बजकर 17 मिनट पर लॉन्च होगा
  • प्रस्तावित मिशन एसएसएलवी विकास परियोजना को पूरा करेगा
  • रॉकेट के तीन चरण ठोस ईंधन द्वारा संचालित होते हैं

इसरो अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और इतिहास रचने के करीब है। इसरो शुक्रवार को अर्थ ऑब्जर्वेशन उपग्रह लॉन्च करेगा। प्रक्षेपण यान शुक्रवार सुबह 9 बजकर 17 मिनट पर लॉन्च होगा। यह विकास के चरण में एसएसएलवी की तीसरी और अंतिम उड़ान होगी। इसके बाद रॉकेट पूर्ण परिचालन मोड में आ जाएगा।

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आज रात शुरू होगी उल्टी गिनती

अर्थ ऑब्जर्वेशन उपग्रह (ईओएस-08) और स्टार्टअप कंपनी स्पेस रिक्शा के एसआर-0 उपग्रह को ले जाने वाले भारत के छोटे प्रक्षेपण यान एसएसएलवी के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती आज रात शुरू होगी। इसरो ने बताया कि गुरुवार-शुक्रवार की रात 2.30 बजे उल्टी गिनती शुरू होगी। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार सुबह लगभग 9 बजकर 17 मिनट पर 500 किलोग्राम की वहन क्षमता वाला एसएसएलवी 175.5 किलोग्राम वजन वाले माइक्रोसैटेलाइट ईओएस-08 को लेकर उड़ान भरेगा। उपग्रह का जीवनकाल एक साल तय किया गया है।

क्या होगा फायदा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, प्रस्तावित मिशन एसएसएलवी विकास परियोजना को पूरा करेगा। इसके बाद इसका इस्तेमाल भारतीय उद्योग तथा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के मिशनों के लिए किया जाएगा। एसएसएलवी रॉकेट मिनी, माइक्रो या नैनो उपग्रहों (10 से 500 किलोग्राम द्रव्यमान) को 500 किमी की कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम है। रॉकेट के तीन चरण ठोस ईंधन द्वारा संचालित होते हैं जबकि अंतिम वेलोसिटी ट्रिमिंग मॉड्यूल (वीटीएम) में तरल ईंधन का इस्तेमाल होता है। उड़ान भरने के ठीक 13 मिनट बाद रॉकेट ईओएस-08 को उसकी कक्षा में छोड़ेगा और लगभग तीन मिनट बाद एसआर-0 अलग हो जाएगा। दोनों उपग्रह 475 किमी की ऊंचाई पर रॉकेट से अलग होंगे। चेन्नई स्थित अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्टअप स्पेस रिक्शा के लिए एसआर-0 उसका पहला उपग्रह होगा। स्पेस रिक्शा की सह-संस्थापक और स्पेस किड्ज इंडिया की संस्थापक-सीईओ श्रीमती केसन ने आईएएनएस को बताया कि "हम व्यावसायिक आधार पर छह और उपग्रह बनाएंगे"।

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शिशुपाल कुमार author

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