पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान Aditya-L1 रखेगा सूरज पर करीबी नजर, लैंग्रेज प्वाइंट 1 से हर गतिविधि करेगा रिकॉर्ड

आदित्य एल1 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का पहला सौर मिशन है, जो पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य को ट्रैक करने की स्थिति में है। इससे इसरो को सूर्य के क्रोमोस्फीयर और कोरोना का और अध्ययन करने में मदद मिलेगी।

आदित्य एल1 रखेगा सूर्य पर नजर

Total Solar Eclipse: भारत का आदित्य एल1 (Aditya-L1) सोमवार, 8 अप्रैल को पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य के व्यवहार और किरणों पर बारीकी से नजर रखेगा। आज सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य कुछ देर के लिए चंद्रमा से पूरी तरह ढक जाएगा, जिससे कई देशों में कुछ पलों के लिए अंधकार छा जाएगा। 8 अप्रैल को पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाएंगे, जिससे दिन के समय ही अंधेरा हो जाएगा। चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक देगा। सूर्य कुल चार मिनट तक ढका रहेगा, इस दौरान इसकी बाहरी परत रोशन रहेगी।

आदित्य एल1 सूर्य को करेगा ट्रैक

आदित्य एल1 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का पहला सौर मिशन है, जो पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य को ट्रैक करने की स्थिति में है। इससे इसरो को सूर्य के क्रोमोस्फीयर और कोरोना का और अध्ययन करने में मदद मिलेगी। लॉन्च होने के चार महीने बाद इस साल की शुरुआत में 6 जनवरी को आदित्य-एल1 लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1 प्वाइंट) पर पहुंच गया था। यह 6 अहम उपकरणों से लैस है और लैग्रेंज प्वाइंट से सूर्य को ट्रैक और इसका निरीक्षण कर रहा है, जो पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है।

छह उपकरणों में से दो का इस्तेमाल करेगा आदित्य एल1

सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य को ट्रैक करने के लिए आदित्य एल1 अपने छह उपकरणों में से दो का इस्तेमाल करेगा। ये दो उपकरण हैं विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) और सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT)। आदित्य एल1 मिशन का लक्ष्य सौर कोरोना और प्रकाशमंडल सहित सौर घटनाओं के प्रभाव के बारे में हमारी समझ को गहरा करना है। यह सौर हवाओं और संबंधित विकिरणों के प्रभाव का भी अध्ययन करता है।

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