कानून मंत्रालय से हटाए जाने पर बोले रिजिजू- ये सजा नहीं, पीएम मोदी का विजन है

रिजिजू दिल्ली के लोधी रोड स्थित पृथ्वी भवन में पृथ्वी विज्ञान मंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।

Kiran Rijiju

Kiran Rijiju

कैबिनेट फेरबदल के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री के पद से हटाए जाने के एक दिन बाद किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को इसे एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री के विजन का हिस्सा है न कि उनके लिए कोई सजा। रिजिजू ने कहा कि यह तबादला एक नियमित प्रक्रिया है। यह प्रधानमंत्री का विजन है। किसी को जिम्मेदारी लेनी होगी। कोई गलती नहीं हुई है। मेरे खिलाफ बोलना विपक्ष का काम है, उन्हें बोलने दें। आज राजनीति पर बोलने का दिन नहीं है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्री का पदभार संभाला

रिजिजू शुक्रवार को दिल्ली के लोधी रोड स्थित पृथ्वी भवन में पृथ्वी विज्ञान मंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। गुरुवार को कैबिनेट फेरबदल में किरेन रिजिजू को अचानक कानून मंत्रालय से हटाकर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय दिया गया। उनकी जगह अर्जुन राम मेघवाल को केंद्रीय कानून मंत्री का प्रभार दिया गया। रिजिजू को पिछले साल कैबिनेट का दर्जा देते हुए कानून मंत्रालय में प्रमोशन दिया गया था। उन्होंने सरकार के सबसे हाई-प्रोफाइल मंत्रियों में से एक के रूप में कार्यभार संभाला था।

कॉलेजियम की आलोचना की थी

कानून मंत्री के रूप में रिजिजू ने बार-बार न्यायपालिका को लेकर बयान दिए और नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली की आलोचना की थी। उनके बयानों ने न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच अक्सर खींचतान पैदा कर दी थी। भले ही उन्होंने खुद साफ किया कि देश में कोई न्यायपालिका बनाम सरकार की लड़ाई नहीं है, लेकिन उनके बयान कुछ और ही इशारा करते रहे।
2021 में लोकसभा में किरेन रिजिजू ने कहा था कि उच्च न्यायपालिका में नियुक्तियों के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिशों को केंद्र आंख बंद करके स्वीकार नहीं कर सकता है। पिछले साल सितंबर में एक कार्यक्रम में उन्होंने कॉलेजियम सिस्टम पर फिर से विचार करने की बात कही थी।
बाद में अक्टूबर में उन्होंने फिर से कॉलेजियम प्रणाली को अपारदर्शी बताया। उन्होंने दावा किया कि न्यायाधीश अक्सर यह तय करने में व्यस्त रहते हैं कि अगला न्यायाधीश कौन होगा, और इसके परिणामस्वरूप न्याय देने का कार्य प्रभावित होता है। कानून मंत्री ने कहा कि मैं जानता हूं कि देश के लोग जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली से खुश नहीं हैं। अगर हम संविधान की भावना का पालन करते हैं, तो जजों की नियुक्ति सरकार का काम है।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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