RSS को लेकर खरगे की टिप्पणी पर सभापति धनखड़ ने जताई आपत्ति, बोले- यह संविधान के खिलाफ है

Parliament Monsoon Session: राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरएसएस के खिलाफ टिप्पणी की तो सभापति जगदीप धनखड़ ने आपत्ति जताई। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश के संस्थानों पर आरएसएस का कब्ज हो गया है, जिस पर सभापति ने कहा कि आप संविधान के खिलाफ बोल रहे हैं।

सभापति जगदीप धनखड़।

Parliament Monsoon Session: राज्यसभा में बुधवार को सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा आरएसएस (RSS) को लेकर की गई टिप्पणी पर आपत्ति जताई। मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि देश के संस्थानों पर आरएसएस के लोगों ने कब्जा कर लिया है, जिस पर सभापति धनखड़ ने आपत्ति जताते हुए कहा कि आरएसएस संगठन देश की सेवा में लगा है। यह निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करता है और ऐसे संगठन की आलोचना करना संविधान के खिलाफ है। धनखड़ ने कहा कि आरएसएस को देश की विकास में योगदान देने और इसमें शामिल होने का अधिकार है।

खरगे ने आरएसएस की आलोचना की

बता दें कि राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने आरएसएस और भाजपा पर कई आरोप लगाए। खरगे ने कहा कि देश के संस्थानों पर आरएसएस का कब्जा है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में आरएसएस के लोगों के अलावा गरीब लोगों को स्थान नहीं दिया जाता है।

खरगे की टिप्पणी पर सभापति की आपत्ति

इस पर सभापति धनखड़ ने उन्हें चुप कराते हुए पूछा कि क्या किसी संस्था का सदस्य होना अपराध है। धनखड़ ने कहा कि आप कब्जे जैसे शब्द का प्रयोग कर रहे हैं, जो सही नहीं है। आप कह रहे कि एक संस्था ने कब्जा कर लिया, जो बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि आरएसएस एक ऐसी संस्था है जो राष्ट्रहित में काम कर रही है। आप संविधान के खिलाफ बोल रहे हैं, जिसकी मैं इजाजत नहीं दे सकता हूं।

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